Coronavirus: केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लॉकडाउन को दो सप्ताह तक और बढ़ाए जाने के विचार के बीच डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) ने शनिवार (11 मार्च, 2020) को सरकार को एक अहम प्रस्ताव दिया। इसमें कहा गया कि उद्योग क्षेत्रों को नियंत्रित तरीके से संचालन की अनुमति दी जाए। उद्योग विभाग ने प्रस्ताव में कहा कि कपड़ा जैसे श्रम प्रधान क्षेत्र, ऑटोमोबाइल, स्टील, डिफेंस और इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग को 20-25 फीसदी क्षमता के साथ परिचालन की अनुमति दी जाए। हालांकि इसके लिए वे उचित सुरक्षा सावधानियों का पालन करें।

11 अप्रैल को गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को भेजे एक पत्र में DPIIT सचिव गुरुप्रसाद महापात्रा ने कहा कि आवश्यक सेवाओं के रूप में काम करने वाले उद्योगों के अलावा ‘कुछ और गतिविधियों’ को उचित सुरक्षा उपायों के साथ संचालन की अनुमति दी जानी चाहिए। पत्र में उन्होंने कहा, ‘आर्थिक गतिविधियों में सुधार और लोगों के हाथों में नकदी देने  के लिए ये नई गतिविधियां आवश्यक हैं।’

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संपर्क करने पर महापात्रा ने गृह विभाग को भेजे पत्र पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। हालांकि उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘हम लॉकडाउन के पूरे उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए कई क्षेत्रों, व्यापार और उद्योग निकायों के साथ बातचीत कर रहे हैं। सुरक्षा और स्वास्थ्य को बनाए रखने के साथ कुछ और क्षेत्रों को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, हमें लगता है कि कुछ और क्षेत्रों को खोला जा सकता है।’ उन्होंने कहा कि किसी भी मामले में लोकल अथॉरिटी यह तय करने के लिए बेहतर स्थिति में होगी कि यह कैसे किया जाना चाहिए।

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राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री के सिद्धांत ‘जान भी, जहान भी’ भावना को ध्यान में रखते हुए DPIIT ने प्रस्ताव में कहा कि मोबाइल, रेफ्रीजिरेटर, ऑटोमोबाइल, एयर कंडीशनर और टेलीविजन के लिए कुछ रिपेयरिंग यूनिटों को भी अनुमति दी जा सकती है। पत्र में कहा गया कि यह लॉकडाउन के तहत नागरिकों को इन महत्वपूर्ण सेवाओं का लाभ उठाने में मदद करेगा और उन्हें नकदी भी प्रदान करेगा, जिसकी बहुत जरुरत भी है। ये सेवाएं किसी भी भीड़ का कारण नहीं बनती हैं। इस तरह की मरम्मत सेवाएं प्रदान करने वाले ई-कॉमर्स संस्थानों को भी अनुमति दी जा सकती है।

इसी बीच इंडिया टुडे के एडिटर अंशुमान तिवारी ने एक ट्वीट के जरिए बताया, ‘आर्थिक चिंताओं पर सक्रियता बढ़ी। ट्रकों (हर तरह के सामान के साथ) की अंतराज्यीय और राज्य के भीतर बेरोक आवाजाही शुरु की जाए। कोल्ड चेन व वेयरहाउसिंग, जरुरी उत्पादों वाले इकाइयों को चलाने के लिए स्थानीय प्रशासन पूरी मदद करे। ये निर्देश गृह मंत्रालय राज्यों को दिए हैं।’