दिल्ली में कोरोनावायरस के केस कम होने का नाम नहीं ले रहे। रविवार को इसी मसले पर मुख्यमंत्री और AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि राजधानी ने मरकज कार्यक्रम की कीमत चुकाई है और संक्रमण उसी के कारण बढ़ा है। देश में संक्रमण के कुल केस में 12 फीसदी दिल्ली में हैं। ऐसे में उनके नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने तय किया है कि वह लॉकडाउन में राहत नहीं देगी, क्योंकि फिलहाल राजधानी में कोरोना संक्रमण का फैलना थमा नहीं है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान उन्होंने कहा- सरकार एक हफ्ते बाद फिर स्थिति का आकलन करेगी। वायरस फैलना शुरू होने के बाद नियंत्रण क्षेत्रों को बढ़ा दिया गया है, लेकिन आश्वस्त किया कि स्थिति काबू में है।

बकौल केजरीवाल, “ऐसे मामले सामने आए हैं जहां उन लोगों में कोविड-19 की पुष्टि हुई है जिनमें लक्षण नजर नहीं आ रहे थे।” मुख्यमंत्री ने तबलीगी जमात मरकज कार्यक्रम को वायरस के प्रसार का कारण बताया और कहा कि दिल्ली में देश भर से सामने आए कुल मामलों के 12 प्रतिशत मामले हैं। केजरीवाल ने कहा कि अब तक शहर में कोरोना वायरस के 1,893 मामले सामने आए हैं।

वहीं, नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने कहा है कि जो लोग सार्वजनिक स्थानों पर थूकते या पेशाब करते नजर आएंगे उन्हें 1,000 रुपये का जुर्माना देना होगा। कोरोना वायरस के प्रकोप को फैलने से रोकने के मकसद से यह कदम उठाया गया है। यह आदेश गृह मंत्रालय की ओर से तीन दिन पहले जारी निर्देश के अनुपालन में आया है जिसके तहत सार्वजनिक स्थानों पर थूकने को दंडनीय अपराध बनाया गया है।

एनडीएमसी के सचिव अमित सिंगला ने कहा, “कोरोना वाययरस के प्रसार को रोकने के निर्देशों का सख्त अनुपालन सुनिश्चित करते हुए यह निर्देश दिया जा रहा है कि सार्वजनिक स्थानों पर थूकना या पेशाब करना प्रतिबंधित होगा। उल्लंघन करने वाले व्यक्ति पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।” गृह मंत्रालय के आदेश में यह भी कहा गया कि बंद की अवधि के दौरान शराब, गुटखा, तंबाकू की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध होगा और थूकना सक्त तौर पर प्रतिबंधित होगा तथा जुर्माना लगाकर दंड दिया जाएगा। (भाषा इनपुट्स के साथ)

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