Coronavirus: देश में घातक कोरोना वायरस से पिछले चौबीस घंटों में अब तक सबसे अधिक लोगों की मौत हुई है और रिकॉर्ड नए मामलों की पुष्टि हुई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार (5 मई, 2020) को एक बयान जारी कर बताया कि पिछले 24 घंटों में संक्रमण के 3900 नए मामलों की पुष्टि हुई है और 195 लोगों की मौत हुई है। दोनों मामलों में ये अब तक की सबसे बड़ी बढ़त है। मंत्रालय के मुताबिक नए मामलों के साथ ही भारत में कोरोना मरीजों की संख्या अब 46433 हो गई है। इसमें कोविड-19 के 32134 एक्टिव केस हैं। वायरस से कुल 1568 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि अच्छी बात यह है कि देश में 12727 लोग इलाज के बाद ठीक भी हुई हैं। इसके साथ ही मरीजों का रिकवरी रेट लगातार सुधरकर 27.40 फीसदी हो गया है

बता दें कि विशेषज्ञों को अंदेशा है कि लॉकडाउन में छूट देने के चलते महामारी के मामलों में बढ़ोतरी का भी एक कारण हो सकता है। आंकड़ों पर गौर करें तो कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन नें रियायत मिलने के बाद दुनिया के कुछ सबसे ज्यादा आबादी वाले देशों में लाखों लोग सैर करने के लिए बाहर सड़कों पर निकल गए और नतीजा यह हुआ कि भारत समेत कई देशों में एक दिन में संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले सामने आए जो चिंता का विषय है। चीन के बाद दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाले देश भारत में ही बीते रविवार को संक्रमण के 2,600 से ज्यादा नए मामले सामने आए। रूस में पहली बार नए मामले 10 हजार के पार पहुंच गए। ब्रिटेन में कोविड-19 के कारण जान गंवाने वालों की संख्या इटली में मरने वालों के करीब पहुंच रही है जो यूरोप में इस बीमारी का केंद्र बना हुआ है। ब्रिटेन की आबादी इटली से कम है लेकिन ब्रिटेन के पास इस महामारी का मुकाबला करने के लिए ज्यादा वक्त था।

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अमेरिका में रोजाना दसियों हजार नए मामले सामने आ रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेताया है कि बंद में राहत के दौरान अगर जांच की संख्या को नहीं बढ़ाया गया तो संक्रमण का दूसरा दौर आ सकता है। हालांकि, दुनिया भर में कई हफ्तों की बंदी की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था के 1930 के दशक की मंदी के स्तर पर पहुंच गई है, जिसकी वजह से कारोबार को फिर से खोलने के लिए दबाव बढ़ रहा है।

बता दें कि कोरोना वायरस के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए भारत में केंद्र सरकार ने 24 मार्च को देशभर में 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की थी। तब पीएम मोदी ने खुद लोगों से घरों में ही रहने की अपील की थी। इसके बाद सरकार ने लॉकाडउन 2.0 लागू किया। हालांकि लॉकडाउन के दूसरे चरण में गृह मंत्रालय द्वारा वरिष्ठ नागरिकों की सेवा में लगे अटेंडेंट को काम करने की छूट दी गई। इसके साथ ही प्रीपेड मोबाइल रिचार्ज की दुकानों, ब्रेड फैक्ट्री और आटा मिल, इलेक्ट्रि‍क फैन और स्कूली किताबों की बिक्री को भी इजाजत दी गई।

तब गृह मंत्रालय ने राज्यों के मुख्य सचिवों को दी गई जानकारी में कहा कि शहरी क्षेत्रों में लॉकडाउन के दौरान ब्रेड फैक्ट्री जैसी फूड प्रोसेसिंग इकाइयों, दुग्ध प्रसंस्करण इकाइयों, आटा व दाल मिल आदि को चलाने की इजाजत होगी। साथ ही कृषि एवं बागवानी से जुड़े शोध केंद्र, बीजों व बागवानी उत्पादों के जांच केंद्र भी काम की अनुमति दी गई है।

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उल्लेखनीय है कि देश में चार मई से लॉकडाउन की तीसरा चरण लागू हुआ जिसमें केंद्र सरकार ने ग्रीन जोन और ऑरेंज जॉन में तमाम प्रकार के प्रतिबंधों को खत्म करके छूट दे दी। हालांकि पूरे देश में रेल, एयर, मेट्रो सेवा और एक राज्य से दूसरे में आवागमन को कोई छूट नहीं दी गई। स्कूल, कॉलेज और एजुकेशनल इंस्टिट्यूट को भी इस दौरान खोलने की अनुमति नहीं दी गई। लॉकडाउन 3.0 में धार्मिक स्थलों पर पाबंदियों को बरकरार रखा गया। (एजेंसी इनपुट सहित)