अवमानना केस में अधिकवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत भूषण को सजा के बाद वकील राजीव धवन ने उन्हें फौरन एक रुपए का सिक्का दिया। भूषण ने अपने टि्वटर अकाउंट से इससे जुड़े (सिक्का लेते हुए) दो फोटो माइक्रो ब्लॉगिंग साइट टि्वटर पर शेयर किए। उन्होंने लिखा, “मेरे वकील और वरिष्ठ सहयोगी राजीव धवन ने अवमानना के फैसले के तुरंत बाद एक रुपए का योगदान दिया, जिसे लेकर मैंने उन्हें आभार व्यक्त किया।”
प्रशांत भूषण के इस ट्वीट पर फैंस, फॉलोअर्स और अन्य लोगों ने भी कमेंट्स किए। इन्हीं में BJP नेता प्रीति गांधी थीं, जिन्होंने तंज कसते हुए लिखा- बड़े बेआबरू हो कर…। तेरी महफ़िल से निकले हम!! वहीं, @advmonikaarora ने कहा, “न्यायालय द्वारा सुनवाई के दौरान एक अधिवक्ता ने हुक्का का आनंद लिया। एक अन्य को अवमानना का दोषी माना गया है। दोनों एक साथ बैठते हैं, कोर्ट के धैर्य और आदेश का मजाक बनाते हैं। शर्मनाक !!”
बड़े बेआबरू हो कर…
तेरी महफ़िल से निकले हम!! https://t.co/vdTHb1zCZ9— Priti Gandhi – प्रीति गांधी (@MrsGandhi) August 31, 2020
One advocate enjoyed Hookah during Court hearing-admonished by Court.
Another is held guilty of contempt.
Both sit together, make fun of the patience & order of Court.
Disgraceful!! https://t.co/cFasymbJU3— Monika Arora (@advmonikaarora) August 31, 2020
सुप्रीम कोर्ट ने न्यायपालिका के प्रति अपमानजनक ट्वीट करने के कारण आपराधिक अवमानना के दोषी अधिवक्ता प्रशांत भूषण को सोमवार को सजा सुनाते हुये उन पर एक रुपए का सांकेतिक जुर्माना किया।
जस्टिस अरूण मिश्रा, जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी की तीन सदस्यीय बेंच ने दोषी अधिवक्ता प्रशांत भूषण को सजा सुनाते हुये कहा कि जुर्माने की एक रुपए की राशि 15 सितंबर तक जमा नहीं करने पर उन्हें तीन महीने की कैद भुगतनी होगी और तीन साल के लिये वकालत करने पर प्रतिबंध रहेगा।
पीठ ने अपने फैसले में कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी बाधित नहीं की जा सकती लेकिन दूसरों के अधिकारों का भी सम्मान करने की आवश्यकता है।
न्यायालय ने फैसले में कहा कि न सिर्फ पीठ ने भूषण को अपने कृत्य पर खेद प्रकट करने के लिये कहा बल्कि अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल की भी राय थी कि अवमाननाकर्ता को खेद प्रकट कर देना चाहिए।
पीठ ने यह भी कहा कि भूषण ने न्यायालय में दाखिल किये गये बयानों को रिकार्ड पर आने से पहले ही इन्हें मीडिया को जारी कर दिया।
इससे पहले की सुनवाई के दौरान पीठ ने मौखिक रूप से टिप्पणी की थी कि भूषण को अगर कोई सजा सुनाई जाती है तो अवमानना के इस मामले में उन्हें दोषी ठहराने के फैसले पर पुनर्विचार की उनकी याचिका पर निर्णय होने तक अमल नहीं किया जायेगा।

