Rahul Gandhi over Sikh Statement: कांग्रेस ने बुधवार को एक भाजपा नेता द्वारा राहुल गांधी को कथित तौर पर धमकी देने की वीडियो क्लिप शेयर की। साथ ही कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ऐसे गंभीर मुद्दे पर चुप नहीं रह सकते।
दिल्ली भाजपा के सिख प्रकोष्ठ के सदस्यों ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ 10 जनपथ स्थित उनके आवास के पास प्रदर्शन किया और सिख समुदाय के संबंध में अमेरिका में की गई उनकी टिप्पणी के लिए उनसे माफी मांगने की मांग की। नारे लगाते और तख्तियां लिए प्रदर्शनकारियों जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं, विज्ञान भवन से कांग्रेस नेता के आवास की ओर जाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें बैरिकेड लगाकर रोक दिया।
कांग्रेस ने अपने एक्स हैंडल पर वीडियो साझा करते हुए लिखा, ‘दिल्ली BJP का नेता और पूर्व विधायक, तरविंदर सिंह मारवाह ने आज प्रदर्शन के दौरान कहा, ‘राहुल गांधी बाज आ जा, नहीं तो आने वाले टाइम में तेरा भी वही हाल होगा जो तेरी दादी का हुआ’। BJP का ये नेता खुलेआम देश के नेता प्रतिपक्ष की हत्या की धमकी दे रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पार्टी के इस नेता की धमकी पर आप चुप नहीं रह सकते हैं। ये बेहद गंभीर मामला है। आपके पार्टी के नफरत की फैक्ट्री का ये प्रोडक्ट है। इस पर कार्रवाई करनी ही होगी।
वाशिंगट डीसी में राहुल गांधी ने क्या कहा?
सोमवार को वाशिंगटन डीसी में सैकड़ों भारतीय अमेरिकियों की एक सभा को संबोधित करते हुए गांधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर कुछ धर्मों, भाषाओं और समुदायों को दूसरों से कमतर समझने का आरोप लगाया और कहा कि भारत में लड़ाई इसी को लेकर है, राजनीति को लेकर नहीं।
सभा में मौजूद एक पगड़ीधारी व्यक्ति का नाम पूछते हुए गांधी ने कहा, “लड़ाई इस बात पर है कि क्या एक सिख को भारत में पगड़ी या कड़ा पहनने की अनुमति दी जाएगी। या वह एक सिख के रूप में गुरुद्वारे में जा सकेगा। लड़ाई इसी बात पर है। और सिर्फ़ उसके लिए नहीं, सभी धर्मों के लिए।” भाजपा प्रदर्शनकारियों ने गांधी के खिलाफ नारे लगाए, सिखों को “अपमानित” करने के लिए उनसे माफ़ी की मांग की और देश में 1984 के सिख विरोधी दंगों के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया।
दिल्ली भाजपा के सिख प्रकोष्ठ के प्रभारी मारवाह ने कहा कि गांधी को अपने परिवार का इतिहास सीखना चाहिए और अपनी दादी और पिता द्वारा सिखों पर किए गए अत्याचारों को स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने सिख समुदाय के साथ जितना अन्याय किया है, उतना किसी अन्य राजनीतिक दल ने नहीं किया है।”
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने आरोप लगाया कि गांधी ने अपने बयान के जरिए सिखों का “अपमान” किया है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सिख समुदाय प्रगति देख रहा है और समुदाय के सदस्य भारत में सुरक्षित महसूस करते हैं। 1984 का नरसंहार, जिसमें सिखों को पीटा गया और मार डाला गया, कांग्रेस शासन के दौरान हुआ था।” दिल्ली भाजपा के सिख प्रकोष्ठ के संयोजक चरणजीत सिंह लवली ने कहा कि गांधी की “छोटी सोच उनके बयान से स्पष्ट होती है, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि भारत में सिख पगड़ी सुरक्षित नहीं है और सिखों को धार्मिक स्वतंत्रता नहीं है।” उन्होंने 1984 के दंगों का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस ऐतिहासिक रूप से वह राजनीतिक पार्टी रही है जिसने सिखों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया है।