Adhir Ranjan Chowdhury: कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को लेकर संसद विशेषाधिकार समिति की शुक्रवार को बैठक हुई। सूत्रों के मुताबिक, विशेषाधिकार हनन के आरोपों में घिरे अधीर रंजन चौधरी को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा। अधीर को कमेटी की अगली बैठक (30 अगस्त) में बुलाया जा सकता है। जहां वो अपना पक्ष रख सकते हैं। सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को कथित कदाचार के आरोप में विशेषाधिकार समिति द्वारा जांच लंबित रहने तक 10 अगस्त को निलंबित कर दिया गया था। शुक्रवार को हुई पैनल बैठक के बारे में बोलते हुए लोकसभा सांसद ने एक बार फिर संकेत दिया कि वह अपने निलंबन को चुनौती देने के लिए कोर्ट का रुख कर सकते हैं।

शुक्रवार की बैठक में अधीर रंजन के खिलाफ जो शिकायत दी गई है। उस पर नियमों के हिसाब से चर्चा की गई। अधीर रंजन चौधरी पर सदन की गरिमा के खिलाफ काम करने का आरोप है। विशेषाधिकार समिति की अगली बैठक 30 अगस्त को होगी। बैठक में समिति के अध्यक्ष एवं भाजपा सांसद सुनील सिंह के अलावा कांग्रेस के के. सुरेश, तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी, द्रमुक के टी. आर. बालू, भाजपा के जनार्द्धन सिंह सिग्रीवाल, राजू बिष्ट, दिलीप घोष, राजीव प्रताप रूड़ी आदि शामिल हुए।

इससे पहले न्यूज एंजेसी ANI से बात करते हुए चौधरी ने कहा था, ”विशेषाधिकार समिति की बैठक नियमों के मुताबिक हो रही है। मुझे बैठक का एजेंडा नहीं पता है। मुझे उम्मीद है कि कार्यवाही नियमों के मुताबिक होगी, लेकिन मुझे कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि समिति द्वारा रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद अध्यक्ष (लोकसभा) निर्णय लेंगे।” उन्होंने कहा, “मैं पहले ही कह चुका हूं कि यह (लोकसभा से निलंबन) नियमों के मुताबिक नहीं हुआ। अगर फैसले में देरी हुई तो मैं अदालत का दरवाजा खटखटा सकता हूं।”

संसद के मानसून सत्र के आखिरी दिन, संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने अधीर चौधरी के निलंबन के लिए एक प्रस्ताव पेश किया था। जिसमें टिप्पणी की गई कि जब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मंत्री बोलते थे या बहस चल रही होती थी, तो कांग्रेस सांसद सदन में व्यवधान डालते थे। पीएम मोदी के संबोधन के बाद पेश किया गया प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित हो गया। अगले दिन, लोकसभा में कांग्रेस नेता ने दावा किया कि सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा विभिन्न अशोभनीय उपकरणों का सहारा लेकर विपक्ष की आवाज को दबाने की जानबूझकर साजिश रची गई है।

संसद में विपक्ष की तरफ से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के दौरान जब अधीर रंजन चौधरी को बोलने का मौका मिला तो उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा था। उन्होंने मणिपुर हिंसा का जिक्र करते हुए पीएम मोदी की तुलना अंधे राजा से कर दी। उन्होंने संसद में कहा था, “मौजूदा हालात में मुझे ये बोलने की इच्छा हो रही है कि जब राजा अंधा होता है, धृतराष्ट्र जब अंधे थे तब द्रौपदी का चीरहरण हुआ था। आज भी राजा अंधे बैठे हैं, इसीलिए जहां राजा अंधा बैठा रहता है, चाहे वो हस्तिनापुर हो या फिर मणिपुर वहां द्रौपदी का वस्त्रहरण होता है।” जिसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। अधीर रंजन चौधरी ने अपनी सफाई के दौरान कहा था कि उनका मकसद प्रधानमंत्री का अपमान करने का नहीं था।