कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने दिल्ली में फैली सांप्रदायिक हिंसा के लिए गुरुवार को नफरत भरी भाषा और भड़काऊ भाषण को वजह बताई। उन्होंने राज्यसभा में दिल्ली दंगों पर चर्चा के दौरान बोलते हुए कहा, “भाषण देने वाले लोगों ने दिल्ली में सांप्रदायिक वायरस फैलाया था। मैं गृह मंत्री से पूछता हूं कि उन भाषण देने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की गई।” उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार पर बरसते हुए कहा कि जिस तरह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के स्वागत में जश्न मनाया गया था, उसी तरह दिल्ली के दंगों को भी हवा दी गई थी।

पूछा कि “आप गाय को बचाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं, क्या इंसानी जीवन को बचाने के लिए कुछ भी नहीं कर सकते हैं? क्या इंसानी जीवन की रक्षा के लिए हमें अलग से कानून लाने की जरूरत है?”

राज्य सभा में बोलते हुए कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने सरकार के खिलाफ विपक्ष के आरोपों का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “दुनिया में इस समय दो प्रकार के वायरस हैं। एक है कोरोनावायरस और दूसरा सांप्रदायिक वायरस है। जब सांप्रदायिक वायरस फैल रहा था, तो सहयोगी कौन थे,” उन्होंने उस व्यक्ति की घटना को भी उठाया जिसे राष्ट्रगान गाने के लिए मजबूर किया और बाद में उसने पिटाई से चोटों के कारण दम तोड़ दिया। “हर कोई जानता था कि क्या हो रहा है, दिल्ली पुलिस कुछ नहीं जानती थी।”

कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर सरकार चाहे तो इस वायरस को नियंत्रित कर सकती है, लेकिन वो ऐसा नहीं करेगी। क्यों ये सरकार ही वायरस फैलाना चाहती है।

कपिल सिब्बल ने दिल्ली पुलिस पर हिंसा फैलाने वाले लोगों की मदद करने का आरोप लगाया। कहा कि पुलिस को सब पता था, लेकिन पुलिस जानबूझकर हिंसा फैलाने वालों का साथ दे रही थी। कहा आम जनता मारी जा रही थी, लेकिन पुलिस खास लोगों की मदद के लिए तैयार रहती थी।