बिहार में विपक्षी महागठबंधन द्वारा आयोजित ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कांग्रेस के एक नेता ने ‘अत्यंत अभद्र भाषा’ का प्रयोग किया। जिसके बाद पार्टी ने तुरंत माफी मांग ली। इसके साथ ही कांग्रेस ने इस टिप्पणी से खुद को अलग कर लिया और पार्टी नेता मोहम्मद नौशाद के खिलाफ मामला दर्ज कराया। पार्टी इस विवाद में फूंक-फूंक कर कदम रखने की स्थिति में है। इसके पीछे की वजह ये है कि पार्टी के नेताओं ने कई बार पीएम मोदी पर अभद्र टिप्पणी की है। जिसके बाद पार्टी को नुकसान भी उठाना पड़ा है। एक बार फिर बीजेपी को मौका मिलता नजर आ रहा है।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 2007 के गुजरात विधानसभा चुनावों के दौरान मोदी को ‘मौत का सौदागर’ कहा था। गांधी ने इसके पीछे 2002 के गोधरा दंगों के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया था। पार्टी की इस टिप्पणी का प्रभाव ये रहा कि चुनाव में भाजपा ने विधानसभा में 183 में से 117 सीटें जीत लीं। जबकि चुनाव से पहले विश्लेषकों द्वारा कांटे की टक्कर की बात कही जा रही थी। वहीं कांग्रेस सिर्फ 59 सीटों पर सिमट गई।
2014 में चायवाला
साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी ने खुद को एक चायवाला के रूप में पेश किया था। प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में चुनाव अभियान का नेतृत्व करते हुए कई जगहों पर उन्होंने यह कहा कि उन्होंने बचपन में चाय बेची थी, लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने इस मुद्दे पर उन पर जो कटाक्ष किया, जिसका परिणाम कांग्रेस पार्टी को उठाना पड़ा।
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चुनाव के दौरान पटना में एक रैली में मोदी ने कहा था, ‘रेलवे में चाय बेचने वाले लोग रेलवे के बारे में मंत्री से अधिक जानते हैं’, मोदी के बयान के बाद अय्यर ने नई दिल्ली में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की बैठक के दौरान कहा था, ‘मैं आपसे वादा करता हूं कि 21वीं सदी में मोदी कभी प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे। लेकिन अगर वह यहां चाय बांटना चाहते हैं, तो हम उनके लिए जगह ढूंढ़ देंगे।’ इसका परिणाम जग जाहिर है कि कांग्रेस की बुरी तरह हार हुई।
नीच कहकर फंस गए कांग्रेस नेता
साल 2017 में गुजरात चुनाव से पहले अय्यर ने एक बार फिर मोदी पर कटाक्ष किया और उनकी आलोचनाओं करते हुए ‘नीच किस्म का आदमी’ कहा। जो उनके इस आरोप का जवाब था कि कांग्रेस बीआर अंबेडकर की विरासत को मिटाने की कोशिश कर रही है। दरअसल मोदी द्वारा खुद को ओबीसी नेता के रूप में पेश किए जाने पर अय्यर ने ये टिप्पणी की थी।
अय्यर की टिप्पणी के कारण कांग्रेस से उन्होंने निलंबित कर दिया गया। इसके बाद, अय्यर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘प्रधानमंत्री बाबासाहेब आंबेडकर पर एक केंद्र के उद्घाटन के अवसर पर कांग्रेस और राहुल गांधी पर तंज क्यों कस रहे थे? प्रधानमंत्री हर दिन हमारे नेताओं के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। मैं एक स्वतंत्र कांग्रेसी हूँ, पार्टी में कोई पद नहीं रखता, इसलिए मैं प्रधानमंत्री को उनकी भाषा में जवाब दे सकता हूँ। जब मैंने ‘नीच’ कहा तो मेरा मतलब निम्न स्तर का था।’ हालांकि बाद में अय्यर ने अपने इस बयान के लिए माफी भी मांगी थी।
चौकीदार चोर है मामला हो गया फेल
2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए, ‘चौकीदार चोर है’ का नारा दिया था। भाजपा ने अपने नेताओं द्वारा ‘मैं भी चौकीदार’ नारे के साथ एक व्यापक अभियान चलाया था। जब गांधी ने दावा किया कि राफेल सौदे के संबंध में उनके आरोप को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश ने भी समर्थन दिया है, तो भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया, जिसने कांग्रेस नेता की खिंचाई की और उन्हें राजनीतिक बहस में अदालत को घसीटने के खिलाफ चेतावनी दी।
मोदी की तुलना रावण से
2019 के चुनावों के दौरान प्रियंका गांधी वाड्रा ने अंबाला में एक सभा को संबोधित करते हुए मोदी की तुलना दुर्योधन से की थी। वहीं 2022 के गुजरात विधानसभा चुनावों के प्रचार के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोदी पर भाजपा की निर्भरता का मजाक उड़ाया, ‘हम हर चुनाव में मोदी का चेहरा देखते हैं। क्या उनके पास रावण की तरह 100 सिर हैं?’