Ram Janmabhoomi: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। न्यूज एजेंसी ANI को दिए एक इंटरव्यू के दौरान सीएम योगी ने कहा कि जो काम देश के आजादी के वक्त 1947 में सुलझ सकता था। इसके बाद 1949 में हल हो सकता था। योगी इसके बाद भी इस मुद्दे का समाधान हो सकता था, लेकिन कभी सुलझने नहीं दिया गया।

सीएम योगी ने कहा कि आखिर यही मामला अब कैसे सुलझ गया? कोई विवाद तो नहीं हुआ? बड़े-बड़े दावे लोग करते थे। कुछ भी नहीं हुआ और उत्तक प्रदेश में शांति बनी रही। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भगवान राम का भव्य मंदिर अयोध्या में बनरहा है और देश भर से सहयोग मिल रहा है।

योगी आदित्यनाथ ने बताया कि 1949 में मेरे पूज्य गुरु महन्त दिग्विजयनाथ उस अभियान के हिस्से थे, जब रामलला का प्रकटीकरण हुआ था। मुख्यमंत्री ने कहा कि उस वक्त की कांग्रेस की सरकार रामलला को जबरदस्ती जन्मभूमि से हटाना चाहती थी। उसके बाद इस पूरे आंदोलन को जो भी सपोर्ट मिला वो गोरक्षपीठ से उपलब्ध कराया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1983-84 में रामजन्मभूमि मुक्त समिति बनी थी। उसका नेतृत्व मेरे गुरुदेव महंत अवैद्यनाथ जी ने किया था और जब रामजन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर का निर्माण की आधारशिला पीएम मोदी ने रखी तो उस वक्त मुख्यमंत्री मैं खुद था।

एक सवाल के जवाब में सीएम योगी ने कहा कि मैं सवा छह साल से उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री हूं। पार्टी हाईकमान ने मार्च, 2017 में मुझे यह दायित्व दिया था, लेकिन उसके बाद से यूपी में कोई दंगा नहीं हुआ। सीएम योगी ने कहा कि ऐसा नहीं था कि दंगा होता तो केवल हिंदू मरता था, बल्कि मुस्लिम भी मरता था। योगी ने कहा कि अगर गुंडे किसी हिंदू बेटी के लिए खतरा थे उतना ही मुस्लिम बेटी के लिए भी खतरा थे।

सीएम योगी ने कहा कि दंगे के दौरान उस इलाके में कर्फ्यू लगता था। उससे पूरा व्यापार प्रभावित होता था। केवल एक व्यक्ति प्रभावित नहीं होता है। उन्होंने कहा दंगे की वजह से पूरे राज्य की छवि खराब होती थी।