स्वास्थ्य शोधकर्ताओं द्वारा तैयार किए गए एक आंकड़ों से पता चला है कि उत्तर प्रदेश के अयोध्या में पांच साल से कम उम्र के 50 फीसदी बच्चे कुपोषण का शिकार है। यह स्थिति अयोध्या में राम राज्य स्थापित करने के प्रयासों से एकदम उलट है। बता दें कि कुपोषण को लेकर तैयार किए गए चौकाने वाले एक नक्शे में पहली बार भारत के 3,941 विधानसभा क्षेत्रों में बाल कुपोषण के स्तर का अनुमान है।
वैसे अयोध्या भाजपा के लिए काफी अहम है। यह पार्टी के लिए राम मंदिर और हिंदुत्व के जरिए सत्ता तक पहुंचने में मददगार भी है। भाजपा के मुख्य केंद्र में होने के बाद भी अयोध्या में बच्चों के अविकसित होने का आंकड़ा 52.25 प्रतिशत है और निर्वाचन क्षेत्र में 3,870 की राष्ट्रीय रैंकिंग है। बता दें कि कुपोषण को लेकर इस नक्शे को हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ, नीति आयोग और अन्य संस्थानों के शोधकर्ताओं द्वारा तैयार किया गया है।
कुपोषण की मार: कुपोषण से शारीरिक और मानसिक नुकसान होता है। बच्चों की उम्र के हिसाब से उनका कद छोटा होता है। कुपोषित होने की वजह से उनके बार-बार बीमार पड़ने की संभावना होती है। ऐसे में स्कूल में भी उनकी उपस्थिति कम होती है। उनके स्वास्थ्य संबंधी पुराने रोगों से पीड़ित होने की संभावना अधिक होती है।
कुपोषण के मामले में केरल: सामने आये तथ्यों में कुछ राज्यों में हालत आश्चर्यजनक, अस्पष्ट और स्पष्ट भिन्नताएं वाली हैं। उदाहरण के लिए भारत के शीर्ष 20 निर्वाचन क्षेत्रों में से 16 केरल से हैं। यहां सबसे कम अविकसित होने का मामला मिला है। जिसमें पहले स्थान पर पाला (18.02 प्रतिशत), दूसरे पर पुंजर (18.08 प्रतिशत) और तीसरे पर कोट्टायम (18.21 प्रतिशत) है। हालांकि इसमें शीर्ष 20 में चार मध्य प्रदेश के सबलगढ़, अंबा, दिमानी और मुरैना हैं।
टेलीग्राफ के मुताबिक हार्वर्ड विश्वविद्यालय में जनसंख्या स्वास्थ्य और भूगोल के प्रोफेसर एस वी सुब्रमण्यम जिन्होंने इस अध्ययन को करने वाली टीम का नेतृत्व किया, उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के भीतर, देखने को मिला है कि विधानसभा क्षेत्र अच्छा कर रहे हैं और इसके विपरीत, केरल में कई निर्वाचन क्षेत्रों में इस मुकाबले तस्वीर इतनी अच्छी नहीं हैं।
उत्तर प्रदेश में हालत: उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश में थाना भवन जिसकी राष्ट्रीय रैंक 90 है, कैराना 103 रैंक के साथ, पुरकाज़ी (रैंक 117) और खतौली (रैंक 119) विधानसभा क्षेत्रों में से प्रत्येक में अविकसित होने का स्तर 23 प्रतिशत से कम है। जोकि राज्य के औसत 44 प्रतिशत से काफी कम है।
बिहार में 80 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों और उत्तर प्रदेश में 60 से अधिक में कुपोषण का स्तर 50 फीसदी से अधिक है। जिसमें अयोध्या भी शामिल है जहां बौनापन 52.25 प्रतिशत है।
बता दें कि आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और तेलंगाना में किसी भी विधानसभा क्षेत्र में बच्चों के अविकसित होने का स्तर 50 प्रतिशत से अधिक नहीं है।