कोरोना की मार से बेहाल भारत की मदद के लिए चीन आगे आया है। पड़ोसी देश का कहना है कि उसके मेडिकल सप्लायर्स दिन रात ओवरटाइम करके भारत के लिए 25 हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बनाने में जुटे हैं। भारत में चीन के राजदूत सन वेडॉंग ने ट्वीट करके बताया कि चीनी कस्टम और कार्गो प्लेन सप्लाई के लिए तैयार हैं।

हालांकि, इससे पहले इस तरह की खबरें भी सामने आई थीं कि चीन की सरकारी एयरलाइंस ने भारत जाने वाली कार्गो फ्लाइटों को 15 दिनों के लिए रद्द कर दिया है। इससे प्राइवेट ट्रेडर्स को भारत में मेडिकल सप्लाई पहुंचाने में बाधा आई। चीनी राजदूत का ट्वीट अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के ट्वीट के एक दिन बाद आया है। अमेरिका ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में आपात सहायता एवं संसाधन मुहैया कराने के लिए हामी भरी है। बाइडन ने कहा है कि अमेरिका भारत की मदद के लिए एक पूरी श्रृंखला भेज रहा है, जिसमें रेमडेसिविर जैसी दवाएं हैं। ये बीमारी से निपटने में मदद करेंगी।

बाइडन ने कहा कि वैक्सीन निर्माण में जो जरूरी सामान हैं, उन्हें हम भारत भेज रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब शुरुआत में अमेरिका महामारी की चपेट में था तो भारत ने हमारी मदद की थी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत की मदद को लेकर तीन दिन बाद कोई प्रतिक्रिया जताई थी।
पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच सोमवार को रात लगभग 10 बजे फोन पर बातचीत की थी। दोनों नेताओं के बीच भारत और अमेरिका में उत्पन्न कोरोना संकट को लेकर बात हुई।

भारत में ये महामारी लगातार भयावह रूप लेती जा रही है। पिछले 24 घंटे में देश में रिकॉर्ड 3 लाख 32 हजार नए मामले सामने आए हैं। इस समय देश में एक्टिव केस की कुल संख्या 24 लाख से भी अधिक है। हेल्थ सिस्टम इतना लचर हो चुका है कि अधिकतर अस्पताल अब नए मरीजों को भर्ती तक नहीं कर रहे हैं। खराब होती स्थिति के बीच दुनियाभर के कई देशों ने भारत की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया है। कोरोना वायरस की दूसरी लहर की मार से जूझ रहे भारत को अब धीरे-धीरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मदद मिलनी शुरू हो चुकी है।

गौरतलब है कि चीन के साथ भारत के संबंध बीते साल एलएसी पर हुई झड़प के बाद से ही खराब हो गए थे। चीन का आरोप है कि भारत पश्चिमी देशों से ज्यादा ही पींगे बढ़ा रहा है। ये बात उसे अखरती है। एलएसी पर विवाद के बीच चीन ने गुरुवार को भारत को सहायता उपलब्ध कराने की बात कही। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि कोरोना पूरी मानवता के लिए शत्रु है। इससे निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय एकजुटता और पारस्परिक सहायता जरूरी है।