किसानों के तल्ख तेवरों को देखते हुए केंद्र सरकार ने कहा है कि रविवार से खरीफ के फसलों की सरकारी खरीद शुरू कर दी जाएगी। ये खरीद हरियाणा और पंजाब में रविवार से शुरू की जाएगी।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और कृषि मंत्री जे पी दलाल के दिल्ली में केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के साथ मीटिंग के बाद ये घोषणा की गई। अश्विनी चौबे ने कहा- “हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और मंत्रियों का एक प्रतिनिधिमंडल आया और मुझसे मिला। उन्होंने कहा कि धान खरीद के लिए उनकी तैयारी पहले से ही है और इस प्रकार, हमने फैसला किया कि कल से खरीद शुरू हो जाएगी ताकि किसानों को किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े”।

पंजाब और हरियाणा में धान की खरीद में हुई देरी के विरोध में शनिवार को कई स्थानों पर किसानों ने प्रदर्शन किया था। शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने दोनों राज्यों के विधायकों के घरों के सामने विरोध-प्रदर्शन करने का आह्वान भी किया था।

केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को, पंजाब और हरियाणा में धान की खरीद पर 11 अक्टूबर तक के लिए रोक लगा दी थी। केंद्र का कहना था कि फसल अभी पकी नहीं है और बारिश के कारण उसमें नमी की मात्रा भी अधिक है। खरीद की प्रक्रिया केंद्र सरकार की नोडल एजेंसी भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई), राज्य की एजेंसियों के साथ मिलकर करती है। धान की खरीद आमतौर पर एक अक्टूबर से शुरू होती है।

केंद्र के इस फैसले के बाद से हरियाणा और पंजाब के किसान नाराज हो गए और सरकार के खिलाफ आंदोलन करने के लिए सड़कों पर उतर गए। हरियाणा के किसान बीजेपी और जेजेपी सांसदों और विधायकों के आवासों के बाहर पहुंच गए, पुलिस बैरिकेड्स तोड़ दिए और धान खरीद प्रक्रिया तुरंत शुरू करने की मांग करने लगे। शाम तक किसानों ने खट्टर, भाजपा सांसद सुनीता दुग्गल, कुरुक्षेत्र विधायक सुभाष सुधा के आवासों के बाहर टेंट लगा दिया था।

पहले ही तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का सामना कर रही सरकार ने इस विरोध को देखते हुए तुरंत अपने फैसले को पलटते हुए खरीद की घोषणा कर दी।