एनडीटीवी के संस्थापक प्रणॉय राय और अन्य के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने नया मामला दर्ज किया है। मामले से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक जांच एजेंसी ने उन पर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के नियमों के उल्लंघन के मामले में यह केस दर्ज किया है।
अधिकारी ने बुधवार (21 अगस्त 2019) को बताया कि सीबीआई ने प्रणॉय रॉय के अलावा उनकी पत्नी राधिका रॉय और अन्य के खिलाफ भी केस दर्ज किया है। यही नहीं एजेंसी ने कंपनी के पूर्व सीईओ विक्रमआदित्य चंद्रा के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के तहत मामला दर्ज किया है। आरोप है कि एनडीटीवी ने अपनी 32 सहायक कंपनियों का इस्तेमाल कर टैक्स हैवन देशों से ‘शैम ट्रांसेक्शन’ के जरिए विदेशी फंड हासिल किया।
सीबीआई के अनुसार इन फर्मों के जरिए कोई व्यापार लेनदेन नहीं बल्कि इनका इस्तेमाल सिर्फ विदेश से वित्तीय लेनदेन के लिए किया गया है। अमेरिका और भारत में सभी प्रासंगिक अधिकारियों के लिए घोषित लेनदेन के ज़रिये अज्ञात सरकारी लोगों के लिए मनी लॉन्ड्रिंग की गई।
सीबीआई ने कहा है कि एनडीटीवी इंटरनेशनल होल्डिंग बीवी (एनडीटीवी की सहायक कंपनी) का इस्तेमाल जनरल इलेक्ट्रिक से 150 मिलियन डॉलर जुटाने के लिए किया गया था। हालांकि एनडीटीवी ने एक बयान जारी कर इन सभी आरोपों का खंडन किया है। एनडीटीवी ने कहा ‘पिछले सभी मामलों में प्रणॉय और राधिका ने पूरा सहयोग किया है। बावजूद इसके उनपर एक नया केस दर्ज कर लिया गया है। अब एनडीटीवी के गैर-समाचार कारोबार में एनबीसीयू (अमेरिकी मीडिया कंपनी) द्वारा 150 मिलियन डॉलर के निवेश का एक नया सीबीआई केस दर्ज किया गया है। एनबीसीयू एक विशाल अमेरिकी समूह है, जिसकी कमान तब जनरल इलेक्ट्रिक के हाथ में थी। सीबीआई एफआईआर में दर्ज सभी आरोप हास्यस्पद हैं।
मालूम हो कि इससे पहले प्रणॉय और उनकी पत्नी को बीते 9 अगस्त को मुंबई एयरपोर्ट पर विदेश जाने से रोक दिया गया था। दोनों मनी लॉन्ड्रिंग मामले के तहत सीबीआई जांच का भी सामना कर रहे हैं। दोनों को एयरपोर्ट अथॉरिटी ने सीबीआई के निर्देश पर विदेश जाने से रोका था। एनडीटीवी ने एक ट्वीट के जरिए इसका कड़ा विरोध किया था। उन्होंने इसे मीडिया की स्वतंत्रता पर हमला करार दिया था।
वहीं इससे पहले जून महीने में सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने एनडीटीवी के तीन प्रोमोटर्स को सिक्योरिटीज मार्केट में दो साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया था। इन प्रोमोटर्स में प्रणॉय रॉय, राधिका रॉय और इन दोनों की कंपनी ‘आरआरपीआर होंल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड’ शामिल है।
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सेबी ने दंपत्ति को दो साल तक कंपनी के निदेशक मंडल या शीर्ष प्रबंधन में किसी भी तरह की भूमिका से भी प्रतिबंधित किया हुआ है। ये दोनों अब किसी अन्य कंपनी के निदेशक मंडल या शीर्ष प्रबंधन में एक साल तक शामिल नहीं हो सकते। सेबी के फैसले पर प्रणॉय और राधिका ने कहा था कि सेबी का आदेश गलत आकलन पर आधारित है। इसके साथ ही बेहद ही असामान्य और अनुचित दिशा में दिया गया है।