Uniform Civil Code: देश में इस वक्त समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर बहस छिड़ी हुई है। भोपाल में यूनिफॉर्म सिविल कोड पर दिए गए पीएम मोदी के बयान के बाद कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने बीजेपी की कड़ी आलोचना की है। विपक्षी दलों ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी धर्म की राजनीति करती है। इसी बीच शनिवार को कांग्रेस की संसदीय समिति ने यूनिफॉर्म सिविल कोड और अन्य मुद्दों को लेकर पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी आवास पर बैठक की। वहीं सी वोटर ने यूसीसी को लेकर एक सर्वे किया है।

सर्वे में लोगों से पूछा गया कि क्या कांग्रेस को भी यूसीसी पर सरकार का साथ देना चाहिए? इस सवाल पर 59 फीसदी लोगों ने हां में जवाब दिया है। वहीं 34 प्रतिशत लोगों ने कहा कि कांग्रेस को सरकार का साथ नहीं देना चाहिए। सर्वे में शामिल सात प्रतिशत लोगों ने कहा कि कुछ नहीं कह सकते।

बता दें, भोपाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) की वकालत करने के बाद पूरे देश में इस मुद्दे पर बहस छिड़ गई है। इसी बीच कहा जा रहा है केंद्र सरकार संसद के आगामी मानसून सत्र में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर बिल ला सकती है। संसद की एक स्थायी समिति ने यूसीसी पर लोगों की राय लेने के लिए लॉ कमीशन की ओर से हाल में जारी नोटिस पर तीन जुलाई को लॉ कमीशन और कानून मंत्रालय के प्रतिनिधियों की बैठक भी बुलाई है।

जानिए क्यों अहम है पांच अगस्त की तारीख

इन सबके बीच जिस बात की ज्यादा चर्चा है वो है पांच अगस्त का दिन। सियासी गलियारों में चर्चा है कि बीजेपी नीत केंद्र सरकार पांच अगस्त को संसद में यूसीसी पर बिल पेश कर सकती है। क्योंकि मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का बिल भी पांच अगस्त को लाई थी। साथ ही पीएम मोदी ने राम मंदिर का भूमि पूजन भी पांच अगस्त को ही किया था। केंद्र सरकार के पांच अगस्त की तारीख से जुड़े इतिहास को देखें तो इस बात की संभावना और बढ़ जाती है।

इस बीच राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने एक बार फिर पीएम मोदी पर निशाना साधा है। सिब्बल ने कहा, सबसे पहले प्रधानमंत्री को देश को बताना चाहिए कि यूसीसी के लिए क्या प्रस्ताव है और वह किन मुद्दों पर यूनिफॉर्मिटी चाहते हैं। सिब्बल ने आगे कहा, ‘प्रधानमंत्री ने तो कह दिया है कि वो लागू करेंगे, क्या लागू करेंगे…बताए तो सही। विपक्ष भी इस बहस पर पड़े जा रहा है। जब तक कोई प्रस्ताव सामने नहीं आता तब तक बहस की शुरुआत कैसे होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यूसीसी लागू होना चाहिए, लेकिन यह नहीं कहा कि किन चीजों पर लागू होना चाहिए, लेकिन क्या लागू हो.. किस चीज पर लागू हो ये प्रधानमंत्री बताएंगे, लेकिन वो ऐसा नहीं कर रहे हैं।’

उन्होंने आगे कहा कि जब तक कोई प्रस्ताव सामने नहीं आता, तब तक बहस की जरूरत नहीं है। उत्तराखंड का सिविल कोड पूरे देश में लागू नहीं किया जा सकता है। लोगों को इस लॉ के बारे में पूरी जानकारी नहीं है, लेकिन इस पर चर्चाएं चल रही हैं।