प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि कानूनों की वापसी का ऐलान करने के साथ कहा था कि अब किसान अपने घरों को लौट जायें। वहीं आंदोलन खत्म करने को लेकर किसान नेताओं का कहना है कि उनकी मांग सिर्फ कृषि बिल की वापसी नहीं थी, बल्कि एमएसपी गारंटी कानून के साथ और भी तमाम मुद्दे हैं। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि 700 किसानों की मृत्यु भी हमारा मुद्दा है।

उन्होंने कहा, “सरकार ने घोषणा की है तो वो प्रस्ताव ला सकते हैं लेकिन MSP और 700 किसानों की मृत्यु भी हमारा मुद्दा है। इस मामले में भी सरकार को बात करनी चाहिए।” उन्होंने कहा कि सरकार अगर 26 जनवरी से पहले तक मान जाएगी तो हम अपना आंदोलन खत्म करके चले जाएंगे। वहीं चुनाव को लेकर टिकैत ने कहा कि चुनाव के विषय में हम चुनाव आचार संहिता लगने के बाद बताएंगे।

किसान नेता ने कहा कि बाकी मामलों पर भी सरकार को बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि, 26 नवंबर को आंदोलन को एक साल पूरा हो जाएगा। उस दिन हम मीटिंग करेंगे। उसके बाद 29 नवंबर को यहां से 500 लोग दिल्ली जाएंगे। वहीं चुनावों में भाजपा का विरोध करने को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि इस बारे में चुनाव आचार संहिता लगने के बाद बताएंगे। उन्होंने कहा कि अभी तो सरकार काम कर रही है, उसे काम करने दीजिए।

उन्होंने कहा कि बिना MSP गारंटी कानून के हम आंदोलन खत्म नहीं करेंगे। वहीं सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई कमिटी के सदस्य अनिल घनवट द्वारा एमएसपी कानून का विरोध किए जाने पर राकेश टिकैत ने कहा, “उन्हें पकड़कर आगरा के पागलखाने में बंद करो। इस तरह के आदमी बाहर रहे तो झगड़ा करवा सकते हैं।”

बता दें कि कृषि कानून पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई कमिटी के सदस्य अनिल घनवट ने कहा है कि MSP का कानून अगर आता है तो इससे नुकसान होगा। वहीं कृषि कानूनों की वापसी के ऐलान के बाद उन्होंने कहा था कि यह तीनों कानून वापस लेने नहीं चाहिए थे। कानूनों में सुधार की गुंजाइश थी।