चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की पॉलिसी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खेमे में चिंता पैदा कर दी है। बीजेपी वाईएसआरसीपी को मोदी सरकार में लाने के लिए डील कर रही थी, जबकि किशोर चाहते हैं कि वाईएसआरसीपी चीफ जगन मोहन रेड्डी भाजपा विरोधी मोर्चे का हिस्सा बनें।

सूत्रों ने बताया, “भाजपा (जिसने साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले वाईएसआरसीपी को चुनाव पूर्व गठबंधन में लाने की कोशिश की थी) ने सात जुलाई को मंत्रिमंडल विस्तार से पहले रेड्डी के साथ बातचीत फिर से शुरू की।” मामले से अवगत एक अन्य सूत्र के अनुसार, वाईएसआरसीपी को कैबिनेट में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। डील लगभग हो चुकी थी। एक कैबिनेट पद, एक स्वतंत्र प्रभार और एक राज्य मंत्री के प्रस्ताव थे। लेकिन बाद में दो कैबिनेट पदों पर चर्चा हुई और बीजेपी नेतृत्व इसके लिए तैयार नहीं हुआ।

सूत्र ने आगे यह भी जोड़ा कि रेड्डी का सरकार में शामिल होने की “इच्छा” थी और उन्होंने यहां तक कि पदों के लिए “नामों को अंतिम रूप दे दिया था”। वाईएसआरसीपी संसदीय दल के नेता वी विजयसाई रेड्डी ने बताया, “चर्चाएं हईं, पर क्या हुआ? केवल सीएम ही इस पर प्रतिक्रिया दे सकते हैं।”

वहीं, एक सूत्र ने कहा कि रेड्डी के प्रस्ताव को स्वीकार न करने के फैसले ने “भाजपा नेतृत्व को नाराज कर दिया”। हालांकि, आंध्र के सीएम ने कहा कि वह “केंद्र के प्रति मित्रता बरकरार रखेंगे और मुद्दे-आधारित समर्थन का विस्तार करेंगे”।

वैसे, साल 2014 के बाद से वाईएसआरसीपी मुद्दे-आधारित समर्थन की पेशकश के लिए खुले होने के बावजूद एनडीए सरकार में शामिल होने के खिलाफ है। सूत्रों के अनुसार, किशोर के वाईएसआरसीपी को भाजपा विरोधी दलों के समूह में शामिल करने के प्रयासों ने भाजपा नेतृत्व को “परेशान करने वाले” संकेत दिए हैं। वाईएससीआरपी में सूत्रों ने माना कि 2019 के विधानसभा और लोकसभा चुनावों में वाईएसआरसीपी के लिए काम करने वाले किशोर ने अगले लोकसभा चुनाव से पहले “भाजपा के खिलाफ पार्टियों के एक साथ आने का विचार रखा”।

वाईएसआरीसीपी ने तब 25 लोकसभा सीटों में से 22 सीटें जीती थीं, जबकि 175 विस सीटों में 151 पर कब्जा जमाया था। पार्टी नेताओं का कहना है कि किशोर रेड्डी को आगामी चुनावों में भी सलाह दे सकते हैं। वहीं, प.बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भी हाल ही में दिल्ली दौरे के दौरान कहा था कि वह रेड्डी के साथ अच्छे संबंध साझा करती हैं। उन्होंने संकेत दिया था कि बीजद और वाईएसआरसीपी जैसी पार्टियों के लिए दरवाजे खुले हैं। बता दें कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पीके द्वारा 2024 के आम चुनाव से पहले भाजपा विरोधी मोर्चा बनाने के प्रयासों में लगे हैं।