एक तरफ भाजपा के नेता दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर किसानों को आंदोलनजीवी कह रहे हैं तो वहीँ दूसरी तरफ महाराष्ट्र में बीजेपी विधायक किसानों के मुद्दे पर विधानसभा में प्रदर्शन कर रहे हैं। भाजपा के विधायक राज्य सरकार के द्वारा किसानों के बिजली बिल ना माफ़ करने के आदेश का विरोध कर रहे हैं। बिजली बिल को लेकर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम ने कहा था कि अन्नदाताओं के द्वारा बिल ना चुकाए जाने पर कनेक्शन काट लिए जायेंगे।
दरअसल बजट सत्र के दूसरे दिन भी विपक्षी भाजपा के विधायकों ने जमकर हंगामा किया। सदन के शुरू होते ही भाजपाई विधायकों ने सीढ़ियों पर बैठकर हंगामा किया। बीजेपी यह मांग कर रही है कि फ़िलहाल किसी भी किसान या आम ग्राहक के बिजली कनेक्शन को ना काटा जाए। हालाँकि विधानसभा में उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सदस्यों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि जब तक इसपर पर पूरी चर्चा नहीं हो जाती है और कोई फैसला नहीं ले लिया जाता है तब तक किसी भी उपभोक्ताओं के कनेक्शन को नहीं काटा जाएगा।
Deputy CM Ajit Pawar informs the Maharashtra Assembly that the state government has decided to stop disconnecting farmers’ power connection for unpaid power bills. He also tells the House that a Government Resolution has been issued in this regard. https://t.co/U4Esr6mHcp
— ANI (@ANI) March 2, 2021
विधानसभा में बिजली बिल के मुद्दे पर बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि बिजली उपभोक्ताओं से अनाप शनाप बिल वसूला जा रहा है। इस बिल को वसूलने में भी बिजली कंपनियां ग्राहकों के साथ सख्ती से पेश आ रही है। अगर इस परिस्थिति में किसानों के बिजली कनेक्शन को काट दिया जाएगा तो उनकी खेती बाड़ी भी प्रभावित हो जाएगी। इसलिए बिजली कनेक्शन काटने की प्रक्रिया को तुरंत बंद कर दिया जाए।
हालाँकि उपमुख्यमंत्री के द्वारा बिजली कनेक्शन ना काटे जाने की घोषणा पर राज्य भर के लोगों ने राहत की साँस ली है। पिछले दिनों बिजली कंपनी महावितरण ने करीब 75 लाख ग्राहकों पर 60,000 करोड़ रूपये बकाया होने की बात कही थी। कंपनी द्वारा नोटिस में कहा गया था कि अगर बकाया बिलों को नहीं भरा गया तो बिजली कनेक्शन को काट दिया जाएगा। इन 75 लाख ग्राहकों में ज्यादातर किसान हैं।
ज्ञात हो कि महाराष्ट में शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन की सरकार है। मुख्यमंत्री पद शिवसेना के पास है। केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ शिवसेना शुरू से ही हमलावर है। पिछले दिनों महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निर्देश पर शिवसेना नेता संजय राउत राकेश टिकैत से मिलने गाजीपुर बॉर्डर भी गए थे।