तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद अपने ही खेमे की नाराजगी सामने आ रही है। इसी कड़ी में बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी भी बेबाकी से अपनी राय रखते हुए नजर आए। सरकार द्वारा एकाएक लिए गए फैसले पर सुब्रमण्यम स्वामी ने एक ट्वीट का रिप्लाई करते हुए लिखा कि कानून वापसी का फैसला मोदी मंत्रिमंडल को आखिरी में दिया था। नोटबंदी और चीन की घुसपैठ का मामला जिक्र करते हुए पूछा कि मोदी सरकार की यह यूजअल प्रैक्टिस है, उन्होंने नोटबंदी को लेकर भी अपने मंत्रिमंडल को जानकारी नहीं दी थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानून बिल वापस लेने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री के इस फैसले का राजनीतिक टीका टिप्पणी ने जोर पकड़ लिया। कई बीजेपी नेताओं ने इस पर नाराजगी जताई है। स्वामी से पहले बीजेपी सांसद मुकेश मुकेश राजपूत का कहना है कि जिस तरह से कुछ गुमराह किसानों को कांग्रेस और उसके सहयोगी दल की ओर से गुमराह किया जा रहा था। देश का बहुत नुकसान हो रहा था। इसलिए मजबूरी में प्रधानमंत्री ने तीनों बिलों को वापस लेने का निर्णय लिया है।
तीन विवादास्पद कृषि कानूनों की वापसी समेत विभिन्न मांगों को लेकर एक वर्ष से अधिक समय से आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने लखनऊ में सोमवार को किसान महापंचायत बुलाई है, जिसमें एसकेएम आगे की रणनीति पर विचार करेगा। इसके बाद 26 नवंबर को गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की बैठक होगी। तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की केंद्र की घोषणा के बावजूद किसान नेताओं का कहना है कि जब तक सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाला कानून नहीं बनाती है तथा लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ को बर्खास्त नहीं करती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा करते हुए कहा था कि इसके लिए संसद के आगामी सत्र में विधेयक लाया जाएगा। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सोमवार को लखनऊ के इको गार्डन में आयोजित होने वाली किसान महापंचायत के लिए किसानों से यहां आने की अपील की है।
गौरतलब है कि तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया क्षेत्र में किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हुई थी। किसानों का आरोप है कि अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों पर अपनी गाड़ी चढ़ा दी और इस दौरान गोलियां चलाई गईं। इस मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा समेत दर्जनभर से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।