मध्य प्रदेश चुनाव से पहले भाजपा काफी सक्रिय दिखाई दे रही है। पार्टी ने गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र के अपने विधायकों को एक ट्रेनिंग कार्यक्रम के तहत भोपाल में जमा किया है। जिसमें प्रत्येक विधायक को एक-एक विधानसभा सीट आवंटित की जानी है, जहां वे जायजा लेने के लिए जाएंगे और जमीनी स्तर पर पार्टी का हाल समझने की कोशिश करेंगे। इस ही तरह राजस्थान में भी अलग-अलग राज्यों के विधायकों को जमा किया जाने लगा है। यह विधायक अलग-अलग सीट पर जाकर पार्टी का प्रचार करेंगे।

भोपाल में भाजपा विधायकों का ट्रेनिंग कैंप 

भाजपा ने प्लान बनाया है कि चार राज्यों के इन विधायकों के लिए एक ट्रेनिंग कैंप किया जाएगा। जिसे भोपाल में शुरू किया गया है। इन विधायकों को एक एक सीट दी जाएगी जहां यह पार्टी के लिए विधानसभा चुनाव के दौरान रास्ता बनाएंगे और रिपोर्ट तैयार करेंगे कि पार्टी किस जगह किस हाल में है। केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव, जो मध्य प्रदेश में भाजपा के चुनाव प्रभारी हैं, ने आज सुबह विधायकों के लिए ट्रेनिंग कैंप का उद्घाटन किया है।

मध्यप्रदेश के चिकित्सा मंत्री ने क्या जानकारी दी है? 

मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री और भाजपा नेता विश्वास सारंग ने मीडिया से कहा, “भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने फैसला किया है कि गुजरात, बिहार, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के पार्टी विधायक रविवार से अगले दिनों में विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करेंगे।”

उन्होंने कहा कि आने वाले विधायक उन्हें आवंटित अपने संबंधित विधानसभा क्षेत्रों में विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेंगे और विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत के संकल्प के साथ काम करेंगे। सूत्रों ने बताया कि कार्यक्रम के तहत वे पार्टी के स्थानीय पदाधिकारियों और मतदाताओं से बातचीत करेंगे।

सारंग ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पार्टी प्रमुख वीडी शर्मा ट्रेनिंग कैंप को संबोधित करने वाले हैं। इससे पहले गुरुवार को, सत्तारूढ़ भाजपा ने चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से पहले ही राज्य विधानसभा चुनावों के लिए 39 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची की घोषणा की।

इस सूची में भाजपा ने 2018 में हारी हुई सीटों और 2013 में भी उनमें से कुछ सीटों पर ध्यान केंद्रित किया है, और तीन पूर्व मंत्रियों सहित 14 उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है, जो पिछली बार हार गए थे। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 114 सीटें जीती थीं, जबकि बीजेपी 109 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही थी।