भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव प्रचार अभियान के दौरान रॉबर्ट वाड्रा को केंद्र में रखा और कांग्रेस पर हमला बोला। 2014 के विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी दामाद-श्री नाम की एक किताब को भी बांटा था और आरोपों पर एक अभियान फिल्म भी जारी की। इस बार भी 5 अक्टूबर को हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए पूरे चुनाव प्रचार अभियान बीजेपी नेताओं ने प्रियंका गांधी वाड्रा के पति और सोनिया गांधी के दामाद वाड्रा पर निशाना साधा।

25 सितंबर को सोनीपत में एक रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकारों के तहत राज्य को दामाद और दलालों के हवाले कर दिया गया था। गुरुवार को चुनाव प्रचार के आखिरी दिन हुड्डा ने बीजेपी पर काउंटर अटैक करते हुए आरोप लगाया कि बीजेपी यह झूठा प्रचार कर रही है कि हरियाणा सरकार ने रॉबर्ट वाड्रा को जमीन दी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने रॉबर्ट वाड्रा को एक इंच भी सरकारी जमीन नहीं दी। अगर बीजपी इसके सबूत दिखा दोगी तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा।

भारतीय जनता पार्टी का इशारा किस तरफ

साल 2008 के फरवरी महीने में राज्य के सीएम हुड्डा थे। वाड्रा ने 2007 में 1 लाख रुपये की पूंजी के साथ शुरू की गई कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने गुड़गांव के मानेसर-शिकोहपुर में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से 7.5 करोड़ रुपये में लगभग 3.5 एकड़ जमीन खरीदी। अगले दिन प्लॉट का म्यूटेशन स्काईलाइट के पक्ष में हो गया और खरीद के 24 घंटे के अंदर जमीन का मालिकाना हक वाड्रा को ट्रांसफर कर दिया गया। इस प्रक्रिया में आमतौर पर कम से कम तीन महीने लगते हैं। एक महीने बाद हरियाणा सरकार ने स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी को ज्यादातर जमीन पर आवासीय प्रोजेक्ट विकसित करने की इजाजत दे दी। इसके बाद जमीन की कीमतों में तत्काल इजाफा हो गया।

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साल 2008 में डीएलएफ ने 58 करोड़ रुपये में प्लॉट खरीदने की इच्छा जाहिर की। इसका मतलब था कि कुछ महीनों में वाड्रा की संपत्ति की कीमत करीब 700 फीसदी बढ़ गया था। वाड्रा को किश्तों में भुगतान किया गया और साल 2012 तक जमीन पर कॉलोनी लाइसेंस को डीएलएफ को ट्रांसफर करने की म्यूटेशन पूरी हो गई। इसके तुरंत बाद अक्टूबर 2012 में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने इस आधार पर भूखंड का दाखिल खारिज रद्द कर दिया।

गुरुग्राम पुलिस ने दर्ज किया केस

1 सितंबर 2018 को गुरुग्राम पुलिस ने हुड्डा, वाड्रा और अन्य के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471 और आईपीसी की 120-बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 के तहत केस दर्ज किया गया। हालांकि, अप्रैल 2023 में हरियाणा सरकार ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट को जानकारी दी कि गुरुग्राम में डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड को मेसर्स स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी द्वारा भूमि के हस्तांतरण में नियमों या विनियमों का कोई उल्लंघन नहीं मिला है। हरियाणा सरकार ने यह बात एक हलफनामे के जरिये बेंच के सामने कही थी।

बीजेपी सरकार ने लिया कोई एक्शन

हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी 2014 से सत्ता में है और 10 सालों और दो सरकारों में इसकी सरकार ने भूमि सौदे के लिए वाड्रा या डीएलएफ पर मुकदमा नहीं चलाया है। जुलाई में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने वाड्रा को किसी भी तरह की अवैधता से यह कहते हुए लगभग मुक्त कर दिया था कि इस मामले में जेल की सजा नहीं है। अब केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री ने जयपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस मामले में ऐसी कोई अवैधता नहीं है कि किसी के खिलाफ कार्रवाई करके उसे जेल में डाला जाए। हम अपने विरोधियों को जेल भेजने के मकसद से जांच नहीं करवाते हैं।

हुड्डा ने भारतीय जनता पार्टी पर हरियाणा और पूरे देश में कांग्रेस सरकार के दौरान लागू की गई “किसान हितैषी भूमि अधिग्रहण नीति” को बर्बाद करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि हमने पूरे प्रदेश में जमीन के लिए फ्लोर रेट लागू किया। इससे पहले इनेलो और भाजपा ने मिलकर भूमि अधिग्रहण के नाम पर किसानों को लूटा था। कांग्रेस ने नियम लागू किया था कि भूमि अधिग्रहण पर 33 साल तक रॉयल्टी दी जाएगी, लेकिन बीजेपी ने किसानों को वह भी नहीं दी।