बंगाल में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। बीरभूम लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार देबाशीष धर का नामांकन रद्द हो चुका है। बीजेपी ने पूर्व आईपीएस अधिकारी देबाशीष धर को उम्मीदवार बनाया था। वहीं अब उनकी जगह पार्टी ने देबतनु भट्टाचार्य को नया उम्मीदवार बनाया और उन्होंने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है।

तकनीकी आधार पर रद्द हुआ बीजेपी उम्मीदवार का नामांकन

जिला निर्वाचन अधिकारी ने तकनीकी आधार पर नामांकन रद्द किया है। इस बीच देबाशीष धर ने जिला निर्वाचन अधिकारी के फैसले को चुनौती देने का फैसला किया है उन्होंने कहा, “कुछ तकनीकी कारणों से मेरी उम्मीदवारी रद्द कर दी गई है। मैं अपनी पार्टी के नेताओं से बातचीत करने के बाद कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाऊंगा। मुझे लगता है कि बताए गए कारण निराधार हैं।”

पूर्व प्रचारक और राज्य में रार क्षेत्र के क्लस्टर प्रभारी और नए उम्मीदवार देबतनु भट्टाचार्य ने टीएमसी के खिलाफ पार्टी की रणनीति का समर्थन करने की कसम खाई। भट्टाचार्य ने कहा, “मेरी पार्टी मुझसे जो भी करने को कहेगी, मैं वह करूंगा। हम सभी एकजुट हैं और तृणमूल की साजिशों से लड़ने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। यह उनके गेमप्लान को विफल करने के लिए एक रणनीतिक कदम है।”

सूरत में बीजेपी की हुई जीत

इससे पहले सूरत लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार का नामांकन रद्द हो गया था। इसके बाद सूरत लोकसभा से आठ निर्दलीयों ने भी अपना नामांकन वापस ले लिया। फिर भाजपा उम्मीदवार मुकेश दलाल निर्विरोध जीत गए।

निलेश कुम्भानी के प्रस्तावको के हस्ताक्षर में गड़बड़ी सामने आई थी। इसी का हवाला देते हुए चुनाव आयोग ने उनका नामांकन रद्द किया था। बीजेपी उम्मीदवार मुकेश दलाल को जीत का सर्टिफिकेट भी मिल चुका है। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा ने अपने प्रभाव के जरिए मुकेश दलाल को चुनाव जितवाया है। कांग्रेस ने सीट पर नए सिरे से चुनाव की मांग की है। कांग्रेस इस घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच चुकी है। कांग्रेस नेताओं का एक डेलिगेशन मख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त से मिला। यहां पर उन्होंने मांग की है कि सूरत सीट पर दोबारा से चुनाव प्रक्रिया कराई जाए।