बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने ‘इंडिया टुडे कॉन्क्लेव’ में अपने मन की बात बताते हुए कहा था कि उन्हें भ्रष्टाचार के मामले में जांच एजेंसी और अदालत ने इतना परेशान किया कि अगर कोई दूसरा नेता उनकी जगह होता तो कब का हार्ट फेल होने से ऊपर चला गया होता। लालू यादव ने कहा था, ‘ बड़े-बड़े होटलों में एक रात की पार्टी में इतने पैसे खर्च हो जाते हैं। लेकिन मेरे ऊपर 40 लाख रुपए को लेकर आरोप लगाए गए।’ ‘बाद में मामले में हम केस जीत गए लेकिन लोगों ने कहा लालू खा गया।’ लालू यादव ने कहा था कि वे उन पर लगे आरोपों को लेकर ज्यादा चिंता नहीं करते हैं।

मालूम हो कि बिहार के मुख्य विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने जातीय जनगणना नहीं होने पर जनगणना,2021 के बहिष्कार की धमकी दी है। लालू यादव ने ट्वीट कर कहा, ‘‘अगर 2021 जनगणना में जातियों की गणना नहीं होगी तो बिहार के अलावा देश के सभी पिछड़े और अतिपिछड़ों के साथ दलित और अल्पसंख्यक भी गणना का बहिष्कार कर सकते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ जनगणना के जिन आंकड़ों से देश की बहुसंख्यक आबादी का भला नहीं होता हो तो फिर गणना के आंकड़ों का क्या हम अचार डालेंगे?’’

गौरतलब है कि बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और लालू के छोटे पुत्र तेजस्वी प्रसाद यादव की अगुवाई में विपक्षी दलों के एक शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकत कर सुझाव दिया था कि या तो विधानसभा का एक शिष्टमंडल जिसमें उनके साथ सभी दलों के सदस्य शामिल रहेंगे, मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रधानमंत्री से समय लेकर उनके समक्ष अपनी इस माग को रखें और अगर केंद्र सरकार ऐसा नहीं करती तो राज्य सरकार सभी जातियों की जनगणना करे जैसे कर्नाटक ने कुछ समय पहले किया था।

नीतीश जिनकी पार्टी जदयू केंद्र और राज्य में भाजपा की सहयोगी है, ने इस महीने कहा था कि उनका लिखा पत्र प्रधानमंत्री कार्यालय को चार तारीख को प्राप्त हो चुका है। अभी तक इसका जवाब नहीं आया है।

उन्होंने कहा था, ” हम लोग चाहते हैं कि जातीय जनगणना हो जाए, यह केंद्र सरकार पर निर्भर है। यह हम लोगों की पुरानी मांग है। हम पहले भी इस संबंध में अपनी बातों को रखते रहे हैं।”