भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने रविवार (23 अगस्त) को कहा कि नीतीश कुमार की अगुवाई में ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) चुनाव लड़ेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि फिर से एनडीए गठबंधन चुनावों में जीत दर्ज करेगा और राज्य में नई सरकार बनाएगा।
नई दिल्ली से बिहार भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी की दो दिवसीय डिजिटल बैठक के समापन समारोह पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए नड्डा ने विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा। नड्डा ने विपक्षी दलों पर ‘‘हल्की’’ राजनीति करने का आरोप लगाया। लगे हाथ नड्डा ने जदयू और लोजपा को भी एकजुट रहने की नसीहत दी। उन्होंने कहा, ‘‘जब-जब भाजपा, नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड और लोजपा (लोक जनशक्ति पार्टी) एक साथ आई हैं, तब-तब एनडीए की जीत हुई है।
इस बार भी हम सब मिलकर चुनाव लड़ेंगे और यशस्वी होंगे।’’केंद्र सरकार की योजनाओं और कोविड-19 महामारी के दौरान केंद्र व राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का विस्तृत ब्योरा देते हुए नड्डा ने पार्टी कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे इन उपलब्धियों के बारे में समाज को बताएं।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश को फैलाने का आह्वान करते हुए कहा, ‘‘मोदी जी का संदेश पहुंचाना है, भारत सरकार का संदेश भी पहुंचाना है और राजग द्वारा… नीतीश जी के द्वारा किए गए कार्य को भी नीचे तक ले जाना है। नीतीश जी के नेतृत्व में हम अगले चुनाव में जा रहे हैं। हम सबको पूरी ताकत के साथ लगना है और मोदी जी की योजनाओं को जनता तक पहुंचाना है।’’
विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए भाजपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि न तो उनके पास कोई विचार है और न ही कोई दृष्टि। उन्होंने कहा, ‘‘मैं विपक्ष पर कोई कटाक्ष करूं इसकी कोई जरूरत नहीं है। लेकिन इतना जरूर कहूंगा कि बिहार या अन्य स्थानों पर उसकी ताकत खत्म हो गई है। विपक्ष के पास न कोई ताकत है, न विचार है, न दृष्टि है और ना ही मन में कोई संकल्प है।
उन्होंने कहा, ‘‘थोथी राजनीति… हल्की राजनीति…वे इससे ऊपर नहीं उठ सकते।’’नड्डा ने कहा कि बिहार की जनता को भाजपा और राजग से उम्मीद है। बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हम यह गर्व के साथ कह सकते हैं कि हमने उनकी तकदीर और तस्वीर बदलने में योगदान किया है और आगे भी करेंगे।’’
उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से आग्रह किया उन्हें न सिर्फ भाजपा की जीत सुनिश्चित करनी है बल्कि सहयोगी दलों के कंधों को भी मजबूती देनी होगी।उन्होंने कहा कि कोरोना के संक्रमण काल में छोटी-छोटी बैठकें और घर-घर जाकर प्रचार करना सबसे प्रभावी होने वाला है। इस दौरान सभी को अपनी सुरक्षा भी करनी है और साथ-साथ राजनीतिक मुद्दों को जनता तक पहुंचाना भी है।
(भाषा इनपुट के साथ)