अयोध्या में राम मंदिर के लिए भूमि पूजन कार्यक्रम लगभग तय हो चुका है। इस कार्यक्रम के अनुसार, पीएम मोदी 5 अगस्त को राम मंदिर का भूमि पूजन करेंगे। भूमि पूजन कार्यक्रम के लिए अयोध्या में तैयारियां जोरों पर हैं। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का कहना है कि मंदिर की नींव में 40 किलो चांदी की ईंटें लगायी जाएंगी। इतना ही नहीं भूमि पूजन से पहले तीन दिन तक मंदिर स्थल पर वैदिक मंत्रोच्चार का आयोजन किया जाएगा। न्यूज एजेंसी पीटीआई के हवाले से यह जानकारी मिली है।

राम मंदिर भूमि पूजन कार्यक्रम में पीएम मोदी के अलावा 50 से ज्यादा हस्तियां भी शामिल होंगी। कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए मेहमानों की संख्या को सीमित रखा गया है। भूमि पूजन कार्यक्रम आम लोग भी देख सकें, इसके लिए पूरे अयोध्या में जगह जगह बड़ी सीसीटीवी स्क्रीन लगायी जाएंगी।

भूमि पूजन कार्यक्रम के लिए तैयार की गई मेहमानों की लिस्ट में भाजपा के उन सभी नेताओं के नाम हैं, जो राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे। इनमें लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा आदि के नाम शामिल हैं। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होंगे।

भाजपा नेताओं के अलावा आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत समेत कई अन्य पदाधिकारी भी शामिल हो सकते हैं। महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे और बिहार के सीएम नीतीश कुमार के भी इस कार्यक्रम में शामिल होने के आसार हैं।

इस साल मार्च में योगी आदित्यनाथ ने भगवान राम की प्रतिमा को अस्थायी स्ट्रक्चर से नए ढांचे में शिफ्ट किया था, जहां वह राम मंदिर निर्माण तक स्थापित रहेगी। बताया जा रहा है कि राम मंदिर निर्माण में 3 से साढ़े तीन साल तक का वक्त लग सकता है। मंदिर के डिजाइन में भी कुछ विस्तार किया गया है। इस विस्तार के तहत मंदिर में अब 3 के बजाय 5 गुंबद होंगे और मंदिर दो की बजाय तीन मंजिला बनाया जाएगा।

मंदिर की धरातल से ऊंचाई 128 फुट से बढ़ाकर 161 फुट कर दी गई है। मंदिर परिसर का क्षेत्रफल भी पहले के मुकाबले थोड़ा बढ़ गया है। मंदिर परिसर में सीता रसोई के स्थान पर सीता मंदिर का निर्माण कराया जाएगा। मंदिर निर्माण में करीब 100 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है। देश के 10 करोड़ श्रद्धालुओं के सहयोग से मंदिर निर्माण कराया जाएगा।