दिल्ली सरकार में मंत्री रहे कैलाश गहलोत ने रविवार को अचानक मंत्रिमंडल और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देकर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी। गहलोत के इस्तीफा के बाद सत्तारूढ़ पार्टी के नेता जहां उनके इस्तीफा देने की अलग-अलग वजह गिना रहे हैं जबकि विपक्ष को विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी पर हमला बोलने का बड़ा हथियार मिल गया है। गौर करें तो मंत्री पद से इस्तीफा देने वालों में कैलाश गहलोत अकेले नहीं हैं। इससे पहले दस सालों में ऐसे मंत्रियों की फेहरिस्त लंबी है।
10 साल में 6 मंत्री
दिल्ली में 15 सालों तक राज करने वाली कांग्रेस को सत्ता से आम आदमी पार्टी ने बेदखल करके पहली बार 2013 में गद्दी संभाली थी। 2013 में पहली बार सत्ता संभालने वाली आप सरकार के 10 साल के कार्यकाल में उसके कुल 6 मंत्रियों ने कुर्सी गंवाई है।
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दिलचस्प बात यह है कि 2020 में तीसरी बार सत्ता संभालने वाली आम आदमी पार्टी को मौजूदा कार्यकाल की समाप्ति से पहले अपने तीन मंत्रियों को इस्तीफा देने का दंश झेलना पड़ा है। सरकार में समाज कल्याण मंत्री रहे राजेंद्र पाल गौतम और राजकुमार आनंद इस्तीफा देने के बाद अब पार्टी को अलविदा कह चुके हैं। गौतम जहां कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं तो वहीं राजकुमार आनंद गत लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा का दामन थाम चुके हैं।
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कथित सीडीकांड में फंसे थे संदीप कुमार
इसके अलावा, पूर्व की आम आदमी पार्टी सरकार में मंत्री रहे आसिम अहमद खान, कपिल मिश्रा और संदीप कुमार भी पार्टी छोड़ने वाले मंत्रियों की फेहरिस्त में शुमार हैं। कपिल मिश्रा इस्तीफा देने के बाद भाजपा में शामिल हो गए थे, जबकि आसिम अहमद खान और संदीप कुमार किसी पार्टी में नहीं हैं। आसिम और कपिल मिश्रा जहां 2013 की 49 दिन की सरकार में मंत्री रहे थे, जबकि संदीप कुमार 2015-2020 के कार्यकाल वाली सरकार में मंत्री रहे। संदीप कुमार कथित सीडी कांड में फंसने के चलते मंत्री पद से बाहर कर दिए गए थे।
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मुख्यमंत्री पद से भी देना पड़ा इस्तीफा
अगर बात केवल इस्तीफा देने वालों की करें तो इसमें पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और खुद अरविंद केजरीवाल भी हैं। इन तीनों को भी विपक्ष के भारी दबाव और अलग-अलग लंबित मामलों के चलते अपने मंत्री व मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था।