बिहार में चुनावी माहौल रफ्तार पकड़ रहा है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शुक्रवार को सीतामढ़ी पहुंचे। यहां उन्होंने पुनौरा धाम में जानकी (सीता) मंदिर के शिलान्यास की नींव रखी। अमित शाह के जानकी मंदिर की आधारशिला रखने को सीधे तौर पर विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। राज्य में जल्द ही विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है।

पुनौरा धाम को सीता का जन्म स्थल माना जाता है। यह सीतामढ़ी शहर से 5 किलोमीटर दूर है और भारत-नेपाल के बॉर्डर के पास स्थित है। यहां पर न सिर्फ बिहार बल्कि कई राज्यों के श्रद्धालु आते हैं।

सवाल यह उठ रहा है कि क्या इस मंदिर के जरिए भाजपा को बिहार में हिंदुत्व की राजनीति का कुछ फायदा मिलेगा? बिहार का राजनीतिक इतिहास बताता है कि यहां समाजवाद की राजनीति हावी रही है। बिहार में हिंदुत्व की राजनीति कभी भी निर्णायक भूमिका में नहीं रही है। 

आज की ताजा खबर, 08 अगस्त 2025 Aaj Ki Taaja Khabar LIVE

2015 में बीजेपी को बिहार में मिली थी बड़ी जीत

1992 में बाबरी मस्जिद का विध्वंस हुआ था और इसके बाद हुए 1995 के विधानसभा चुनाव में भाजपा सिर्फ 41 सीटें जीत पाई थी। 2015 में पार्टी ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था जब उसे 91 सीटों पर जीत मिली थी।

आधार, वोटर ID और राशन कार्ड को शामिल करने से चुनाव आयोग का इनकार

राहुल गांधी ने क्या कहा था?

ऐसा नहीं है कि पहली बार किसी राजनीतिक दल ने या किसी राजनीतिक गठबंधन ने माता सीता पर फोकस करने की कोशिश की है। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक जनसभा में कहा था, “ये (आरएसएस वाले) ‘जय सिया राम’ कभी नहीं कहते। इन्होंने सीता जी को नारे से निकाल दिया… ये हमारे इतिहास के खिलाफ काम किया इन्होंने। मैं आपको (कांग्रेस कार्यकर्ताओं को) बता रहा हूं, जब भी आप आरएसएस के किसी कार्यकर्ता से मिलें, उनसे ‘जय सिया राम’ कहने को कहें क्योंकि, जितने जरूरी राम थे, उतनी जरूरी सीता जी थीं।”

क्या है जानकी मंदिर प्रोजेक्ट?

अब बात करते हैं कि जानकी मंदिर को बनाने का यह प्रोजेक्ट क्या है? यह प्रोजेक्ट सितंबर, 2023 में मंजूर हुआ था और तब बिहार में जेडीयू-आरजेडी यानी महागठबंधन की सरकार थी। जनवरी 2024 में जेडीयू ने महागठबंधन से नाता तोड़ लिया और वह फिर से एनडीए के साथ आ गई और इससे राज्य की राजनीति के समीकरण भी बदल गए।

जानकी मंदिर के प्रोजेक्ट के तहत मंदिर के चारों ओर परिक्रमा पथ का निर्माण किया जाएगा इसमें कैफेटेरिया और पार्किंग के अलावा, सीता वाटिका (सीता का उद्यान), लव-कुश वाटिका (लव-कुश उद्यान) और शांति मंडप (ध्यान के लिए क्षेत्र) की भी योजना बनाई जा रही है। माता सीता के जीवन पर आधारित एक 3-डी एनिमेशन फिल्म भी बनाई जा रही है।

इस साल जुलाई में नीतीश कुमार की कैबिनेट ने इस प्रोजेक्ट के लिए 882.87 करोड रुपये मंजूर किए। इसमें से 137 करोड़ मंदिर और उसके आसपास की मरम्मत के लिए, 728 करोड़ रुपए पर्यटन से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए भी हैं। मंदिर को बनाने का काम बिहार स्टेट टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन को सौंपा गया है। इस प्रोजेक्ट को रामायण सर्किट के एक हिस्से के रूप में विकसित किया जा रहा है।

बिहार में किसकी सरकार बनेगी- महागठबंधन या NDA? 

बिहार में SIR पर हो रहा संग्राम

243 सीटों वाले बिहार में विधानसभा चुनाव में एनडीए और विपक्षी महागठबंधन के बीच बड़ा और कड़ा मुकाबला होना तय है। इस बीच ही, पूरे बिहार में चुनाव आयोग के द्वारा की जा रही Special Intensive Revision (SIR) एक्सरसाइज की वजह से भी राजनीतिक माहौल अच्छा-खासा गर्म है। तेजस्वी और राहुल गांधी समेत तमाम विपक्षी नेता चुनाव आयोग के इस कदम के खिलाफ बिहार से लेकर संसद तक में आवाज उठा रहे हैं।

बिहार के 65 लाख मतदाताओं का क्या होगा, वोट नहीं डाल पाएंगे?