देश में असहिष्णुता की घटनाओं से उत्पन्न स्थिति पर लोकसभा में सदस्यों ने मंगलवार को कहा कि इस पर वोट बैंक की राजनीति करने का प्रयास करने की बजाय कोशिश यह होनी चाहिए कि सहिष्णुता और सौहार्द का माहौल बना रहे। इस विषय पर सदन में सोमवार को शुरू हुई चर्चा को मंगलवार को आगे बढ़ाते हुए अन्नाद्रमुक के पी कुमार ने कहा कि असहिष्णुता की घटनाओं से देश की छवि खराब हो रही है और हमारी अर्थव्यवस्था भी प्रभावित हो रही है।

उन्होंने अपने राज्य तमिलनाडु में सांप्रदायिक सौहार्द बने रहने की बात करते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद ढांचा गिराए जाने के समय देश भर में दंगे और तनाव की स्थिति बनी लेकिन तमिलनाडु में ऐसा नहीं हुआ। शिवसेना के गजानंद कीर्तिकर ने कहा कि फिल्मकारों, साहित्यकारों और बुद्धिजीवियों को असहिष्णुता की किसी बात पर ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए जिससे असहिष्णुता को और बढ़ावा मिले। तेलगुदेशम के जयदेव गल्ला ने कहा कि भारत ने सभी धर्मों को अपने में समाहित किया है और यहां तक कि जो धर्म अपने उदय के क्षेत्रों में प्रताड़ित हुए उन्हें भी अपने यहां पनाह दी।

गल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी दादरी जैसे घटनाओं की निंदा करती है लेकिन इन्हें प्रधानमंत्री या गृह मंत्री की असफलता बताना एकदम गलत है। ऐसी घटनाएं संबंधित राज्य सरकारों की असफलता है जिसके लिए उन्हें जवाबदेह बनाया जाना चाहिए, न कि केंद्र को। चर्चा के दौरान वाईएसआर कांग्रेस के वारा प्रसाद राव ने आरोप लगाया कि आज खानपान के नाम पर असहिष्णुता का माहौल पैदा किया जा रहा है। राव ने कहा कि दुनिया में भारत को विविधतापूर्ण समाज और सच्चे धर्मनिरपेक्ष देश के रूप में जाना जाता है लेकिन हाल की घटनाएं चिंता पैदा करती हैं।

देश में वर्तमान समय में असहिष्णुता बढ़ने का आरोप लगाते हुए राकांपा की सुप्रिया सुले ने कहा कि भले सरकार इस कृत में भाग नहीं लेती। अनुमोदन भी नहीं करती हो लेकिन वह ऐसी घटनाओं पर चुप रहती है। यही सबसे बड़ी आपत्ति है जो ऐसी घटनाओं को बढ़ावा देती है। सुले ने कहा कि राजनाथजी अपने सांसदों और मंत्रियों को यह सलाह दें कि वो बोलने से पहले सोंचे।

सपा के धर्मेंद्र यादव, शिरोमणि अकाली दल के प्रेमसिंह चंदूमाजरा, आप के धर्मवीर गांधी, भाजपा की किरण खेर, कांग्रेस के शशि थरूर, तृणमूल कांगे्रस के सौगत बोस, टीआरएस के एपी जितेंद्र रेड्डी, भाजपा के प्रह्वाद जोशी और एआइएमआइएम के असादुद्दीन ओवैसी ने भी चर्चा में भाग लिया।