प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संसद से शीतकालीन सत्र के पहले दिन उच्च सदन राज्य सभा में शरद पवार की NCP की तारीफ की। संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि मेरी पार्टी समेत सभी दल एनसीपी से सीख ले सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संसद से शीतकालीन सत्र के पहले दिन उच्च सदन राज्य सभा में शरद पवार की NCP की तारीफ की। संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि मेरी पार्टी समेत सभी दल एनसीपी से सीख ले सकते हैं। पीएम ने यह बात संसद में विपक्ष के सदस्यों द्वारा विरोध जताने के लिए आसन के सामने आकर नारेबाजी करने के संदर्भ में कही।
उच्च सदन के 250 वें सत्र पर उन्होंने नसीहत देते हुए कहा, ‘‘आसन के सामने आए बिना भी राजनीतिक विकास हो सकता है। चर्चा में दोनों दलों की तारीफ में पीएम आगे बोले- इन्होंने (एनसीपी और बीजद) खुद ही तय किया है कि उनके सदस्य आसन के समक्ष नहीं आएंगे। उनके सदस्यों ने इस नियम का पालन भी किया है।
मोदी के मुताबिक, “ऐसा नहीं है कि आसन के समक्ष न आने से इन दलों का राजनीतिक विकास रुक गया। ऐसा नहीं करने से उनकी विकास यात्रा नहीं रुकी। जब बीजेपी विपक्ष में थी, तब हमारे सदस्य भी ऐसा करते थे।” NCP और BJD की नजीर देते हुए पीएम ने सलाह दी, ‘‘मेरी पार्टी और बाकी दलों को भी इससे सीख लेना चाहिए।’’
‘संवाद का रास्ता चुनें राज्यसभा MP’: पीएम मोदी ने इस दौरान सभी दलों के सदस्यों से अपील की कि उन्हें रुकावट के बजाय संवाद का रास्ता चुनना चाहिए। ‘‘भारतीय राजनीति में राज्यसभा की भूमिका…आगे का मार्ग’’ विषय पर खास चर्चा के बीच वह बोले- इस सदन ने कई ऐतिहासिक पल देखे हैं और कई बार इतिहास को मोड़ने का भी काम किया है।
पीएम ने ‘‘स्थायित्व और विविधता’’ को राज्यसभा की दो विशेषताएं बताया। आगे कहा कि भारत की एकता की जो ताकत है वह सबसे अधिक इसी सदन में प्रतिंबिंबित होती है। हर व्यक्ति के लिए ‘‘चुनावी अखाड़ा’’ पार कर पाना संभव नहीं होता है। पर इस व्यवस्था के कारण हमें ऐसे महानुभावों के अनुभवों का लाभ मिलता है।

