अलीगढ़ के टप्पल में ढाई साल की बच्ची की क्रूरता से हत्या के बाद लोगों में आक्रोश है। मामला तूल पकड़ने के बाद पुलिस हरकत में आती दिख रही है और सरकार एसआईटी बना कर जांच करा रही है। पुलिस का कहना है कि बच्ची का रेप नहीं हुआ है, पर अलीगढ़ के सीएमओ के मुताबिक फिलहाल यह पुष्टि नहीं हुई है। शव की हालत इतनी खराब थी कि पोस्टमॉर्टम से रेप की पुष्टि नहीं हुई, इसलिए डॉक्टरों ने कुछ नमूने फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे हैं। हालांकि, सीएमओ का कहना है कि इन नमूनोंं की जांच से रेप की पुष्टि की संभावना न के बराबर है। असल में शव की हालत इतनी खराब थी कि रेप हुआ या नहीं, यह पता लगा पाना लगभग नामुमकिन है।
क्या है पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में: पीएम रिपोर्ट के मुताबिक, बच्ची की मौत दम घुटने से हुई, पर उसके साथ बुरी तरह से मारपीट की गई। मृतका के शरीर की सारी पसलियां टूटी मिलीं। सीने में बाईं तरफ पिटाई के निशान हैं। बायां पैर में भी फ्रैक्चर है। आंखों में जख्म है, दोनों आंखों के सॉफ्ट टिश्यू गल चुके हैं। सिर पर गहरी चोट के निशान हैं। नाक की हड्डी टूटी हुई है। सिर के बाल और खोपड़ी भी नोंची हुई है। दाहिना हाथ भी कंधे के पास से काटा हुआ है और शरीर से अलग है। शरीर को कीड़े खा चुके हैं, हड्डियां और चमड़ी सड़-गल चुकी हैं। बाएं पैर में घुटने से नीचे करीब 5 सेंटीमीटर लंबा फ्रैैक्चर है। सीने के बाईं तरफ का हिस्सा भी पीछे तक नोंचा हुआ है।
2 जून को दोपहर 3 बजकर 40 मिनट से 4 बजकर 10 मिनट तक चले पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि बच्ची के शरीर से छोटी और बड़ी आंत गायब है, जबकि स्पलिन और पैन्क्रियाज की पहचान नहीं की जा सकी। बच्ची के शरीर से यूटरस गायब था और शरीर सड़ने-गलने से हाइमन भी नहीं मिला। किडनी और यूरिन ब्लाडर भी नहीं मिला। मौत तीन-चार दिन पहले हुई है।
रेप की पुष्टि लगभग नामुमकिन: शव की हालत इतनी खराब थी कि रेप की पुष्टि हो पाना लगभग असंभव है। यह बात अलीगढ़ के सीएमओ एमएल अग्रवाल ने भी मानी। उन्होंने ‘आज तक’ पर कहा, ‘हमने वजाइनल स्वॉर्ब स्लाइड्स बनाई हैं और उसे पैथॉलजी जांच के लिए भेजा है। साथ ही ओरल स्वॉर्ब स्लाइड्स भी बनाई और उसे भी पैथॉलजी भेजा। अगर कोई सबूत मिलता है तो ये पुष्टि होती है कि बच्ची के साथ रेप भी हुआ है।’ एंकर अंजना ओम कश्यप ने सीएमओ से पूछा था कि पीएम रिपोर्ट के आधार पर ही पूरा मामला आगे चलेगा? कुछ बिंदूओं को लेकर बहुत सारे सवाल खड़े हो रहे हैं। बच्ची के क्षत-विक्षत शरीर में किडनी तक नहीं मिली। ऐसे में क्या वजाइनल स्वॉर्ब से रेप की पुष्टि हो पाएगी? क्या इस तरह की बात करना बेईमानी नहीं लगती?
सीएमओ के जवाब पर एंकर अंजना उन्हें बीच में ही रोक देती हैं और बोलीं, ‘आपने सुना नहीं मैंने क्या पूछा मैं आपसे कह रही हूं कि जब बच्ची की किडनी तक नहीं मिल रही। सड़ने की वजह हाइमन बुरी तरह से नष्ट हो चुका है। जो कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में लिखा गया है। क्या उस वजाइनल स्वॉर्ब से यह पुष्टि हो सकती है कि रेप हुआ है या नहीं हुआ? क्या उसमें कुछ मिलेगा? इस पर सीएमओ ने कहा, ‘देखिए हम संभावना लेकर चल रहे हैं कि हमें वजाइनल स्वॉर्ब स्लाइड्स और ओरल स्वॉर्ब स्लाइड्स में कुछ मिल जाए।’
एंकर आगे पूछती हैं कि सर आप कितन सालों से अपने प्रोफेशन में हैं, आपको लगता है कि कुछ मिल सकता है। वह भी तब जब बॉडी सड़ चुकी है। थोड़ा तो प्रैक्टिकल होकर सोचना पड़ेगा न, क्योंकि अगर कुछ नहीं मिला तो आप कहेंगे कि रेप नहीं हुआ है और अगर मिला तो आप कहेंगे कि रेप हुआ है और इसी पर सब कुछ टिका है। पुलिस को भी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को आगे ले जाना है। क्या संभावना है कि उस स्वॉर्ब में कोई सबूत मिले? इस पर सीएमओ का जवाब था- संभावनाएं तो बहुत क्षीण और नहीं के बराबर हैं। लेकिन फिर भी हमारे पास जो चीज है और हम वजाइनल स्वॉर्ब स्लाइड्स के अलावा उसमें कुछ कर ही नहीं सकते थे। जब एंकर ने कहा कि आप रूटीन कार्रवाई कर रहे हैं तो सीएमओ ने कहा- ऐसा नहीं है। हमने बच्ची का वीडियो भी बनाया है। इस पोस्टमॉर्टम को तीन डॉक्टरों के पैनल से करावाया गया है। जिसमें एक महिला डॉक्टर भी हैं।
क्या है मामला? टप्पल में 30 मई को बच्ची गायब हुई थी। 31 मई को उसके अगवा किए जाने की रिपोर्ट लिखवाई गई। दो जून को पुलिस को उसका क्षत-विक्षत शव उसके घर के निकट ही कूड़े के पास मिला। चार जून को इस मामले में जाहिद और असलम गिरफ्तार किए गए। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इन्होंने जुर्म कबूला है। उन्होंने 10 हजार रुपए के लिए यह जुर्म किया। यह रकम बच्ची के पिता ने उधार ली थी, जिसे वह लौटा नहीं पा रहे थे। पुलिस बोली कि पीएम रिपोर्ट में रेप की बात नहीं है, क्योंकि रिपोर्ट में बताया गया है कि मौत गला घुटने से हुई।
अनशन की चेतावनी पर पिता को SSP ने समझाया: बच्ची के पिता ने आमरण अनशन की चेतावनी दी थी। उनकी मांग है कि कथित हत्यारों के परिवार वालों को भी गिरफ्तार किया जाए। अलीगढ़ एसएसपी ने बच्ची के पिता से मुलाकात कर उन्हें समझाया कि वह आमरण अनशन न करें। उन्होंने पिता को आश्वासन दिया है कि फास्टट्रैक कोर्ट के जरिए तेजी से न्याय सुनिश्चित किया जाएगा। बच्ची की मां का कहना है कि आरोपी असलम पर पहले भी अपनी बेटी से रेप का आरोप लग चुका है। अगर सजा नहीं मिली तो वह ऐसे ही करता रहेगा।
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पांच का निलंबन: केस की जांच के लिए शुक्रवार को एसआईटी बनी, जिसमें पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) और एक महिला इंस्पेक्टर सहित छह सदस्य हैं। इससे पहले, मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में संबंधित थाना प्रभारी समेत पांच पुलिसकर्मी निलंबित किए गए। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश कुलहरि के अनुसार, क्षेत्राधिकारी (सीओ) पंकज श्रीवास्तव द्वारा की गई जांच के आधार पर गुरुवार को थाना प्रभारी समेत पांच पुलिसर्किमयों का निलंबन हुआ है।
72 घंटे बाद पोस्टमार्टम: लखनऊ में अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) आनंद कुमार ने बताया कि बच्ची का शव मौत के 72 घंटे बाद पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया था। उन्होंने कहा, ”हम पूरी संवेदनशीलता से काम कर रहे हैं। फिलहाल जांच हमारी प्राथमिकता में है। साथ ही इसमें पॉक्सो अधिनियम लगाया जाएगा। मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में भी भेजा जाएगा। ऐसे अपराधियों को सजा दिलाना हमारी प्राथमिकता है।”
बाल आयोग ने मांगी रिपोर्ट: टप्पल, जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर है। कस्बे में एहतियातन सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। बुधवार को यहां तनाव फैल गया था। बच्ची की हत्या पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी शुक्रवार को रिपोर्ट मांगी है। आयोग प्रमुख प्रियांक कानूनगो ने एसएसपी आकाश कुलहरि से शुक्रवार को बात की और उनसे जरूरी कार्रवाई करने को कहा।
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नेताओं के बयान: मामले पर शुक्रवार को कई नेताओं की प्रतिक्रियाएं आईं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक छोटी बच्ची की निर्मम हत्या से स्तब्ध और व्यथित हूं। आखिर कोई कैसे एक बच्ची के साथ इतनी निर्ममता बरत सकता है? इस खौफनाक अपराधी को निश्चित रूप से बख्शा नहीं जाना चाहिए। हत्यारों को न्याय के कटघरे में लाने के लिये उत्तर प्रदेश पुलिस को निश्चित रूप से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।’’
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी ट्वीट कर कहा, ‘‘अलीगढ़ में मासूम बच्ची के साथ हुई अमानवीय और जघन्य घटना ने हिलाकर रख दिया है। हम ये कैसा समाज बना रहे हैं? बच्ची के माता-पिता पर क्या गुजर रही है ये सोचकर दिल दहल जाता है। अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।’’ वहीं, बसपा प्रमुख मायावती ने कहा, ‘‘अलीगढ़ में मासूम बच्ची के साथ नृशंस व्यवहार एवं हत्या अति-शर्मनाक व दु:खद है। उप्र सरकार तुरंत कानून राज स्थापित करने के लिए सख्त कार्रवाई करके दोषियों को सलाखों के पीछे भेजे।’’ (भाषा इनपुट्स के साथ)