हरियाणा के करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज के बाद किसानों के तेवर कृषि कानूनों को लेकर और भी गरम हो गए हैं। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने करनाल में हुई घटना को लेकर ट्वीट किया है। राकेश टिकैत ने ट्वीट किया, ‘देश को बचाने के लिए किसान हर कुर्बानी देने को तैयार है।’ गौरतलब है कि भाजपा की एक बैठक के विरोध में करनाल की तरफ जाते हुए, राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात बाधित करने वाले किसानों के एक समूह पर शनिवार को पुलिस द्वारा कथित लाठीचार्ज किए जाने से करीब 10 लोग घायल हो गए। इस बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ और अन्य नेताओं को भी शामिल होना था।

पुलिस ने हालांकि चार प्रदर्शनकारियों के घायल होने की बात कही। उनका कहना है कि इस घटना में 10 पुलिसकर्मियों को चोटें आई हैं। किसानों पर की गई कार्रवाई की वजह से हरियाणा पुलिस को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, आज शिवसेना ने हरियाणा में किसानों पर हुए लाठीचार्ज को ‘‘दूसरा जलियांवाला बाग’’ कांड करार दिया और कहा कि एमएल खट्टर सरकार को अब सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के सम्पादकीय में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमृतसर में पुनर्निर्मित जलियांवाला बाग परिसर का उद्घाटन कर रहे थे, तब हरियाणा में दूसरा जलियांवाला बाग कांड हो रहा था।

सम्पादकीय में कहा गया, ‘‘ सरकार द्वारा बोए जा रहे क्रूरता के बीज खट्टे फल ही देंगे। यह पक्का है…मनोहर लाल खट्टर की सरकार को सत्ता में बने रहने का अब कोई अधिकार नही हैं।’’ ‘सामना’ में कहा गया कि लाठीचार्ज की घटना भारत के किसानों को विद्रोह करने को लेकर उकसा सकती है और उनके बहे खून की एक एक बूंद का वह बदला ले सकते हैं।”

संपादकीय में कहा गया है, ‘‘ हरियाणा में किसानों के सिर पर लाठियां मारी गई, क्योंकि वे मुख्यमंत्री खट्टर के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। एक केन्द्रीय मंत्री, जिसने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के खिलाफ बयान दिया और जब उनके खिलाफ कानूनी तौर पर कार्रवाई की गई तो राज्य सरकार को असहिष्णु कहा गया। खट्टर सरकार की किसानों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर आलोचक चुप क्यों हैं? ’’

सम्पादकीय में कहा गया, ‘‘ किसान पिछले करीब एक साल से दिल्ली के पास गाजीपुर बॉर्डर पर केन्द्र के तीन कृषि कानूनों को वापस लेने, कृषि के निजीकरण को रोकने, एपीएमसी को चुनिंदा कॉरपोरेट्स द्वारा अपने अधीन में लेने से रोकने, एमएसपी कानून की वापसी को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन प्रधानमंत्री ने अब तक उनसे मुलाकात नहीं की। सरकार का दिल पत्थर का है। सरकार को ‘जन आर्शीवाद’ चाहिए। क्या किसानों के सिर तोड़कर उन्हें लोगों का आर्शीवाद मिलेगा?’’

इसके अलावा राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के कई कार्यकर्ताओं ने सोमवार को यूपी के मुजफ्फरनगर में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर का पुतला जलाया। पार्टी कार्यकर्ता पिन्ना गांव में जमा हुए और उन्होंने हरियाणा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।