एबीपी न्यूज के कार्यक्रम में जब एंकर सुमित अवस्थी ने AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी से पूछा कि आप हर जगह मजहब क्यों ले आते हैं? इसका जवाब देते हुए ओवैसी ने कहा कि अब आप अपनी सवर्ण मानसिकता दिखा रहे हैं। ओवैसी कहने लगे कि मैं जो डेटा दे रहा हूं वो मुसलमानों की बर्बादी की दास्तां सुनाता है। ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना में मुसलमानों को कितना मिला , महज 4 प्रतिशत।

ओवैसी कहने लगे कि यूपी के मुस्लिमों को सियासी तौर पर मजबूत होने की जरूरत है। ओवैसी मायावती की तारीफ करने लगे कि उन्होंने अपनी जाति के लिए काम किया। ओवैसी कहने लगे, ‘ मैं मायावती और कांशीराम को सलाम करता हूं कि उन्होंने बीएसपी को खड़ा किया।’ समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए ओवैसी कहने लगे कि चुनाव से पहले तो अखिलेश मुस्लिमों का वोट मांगते हैं लेकिन चुनाव के बाद सिर्फ यादवों का ध्यान रखते हैं। ऐसे में मुस्लिम मतदाता क्या भीख मांगें? ओवैसी कहने लगे कि मुसलमान तो खुलकर विपक्ष का साथ देते हैं लेकिन विपक्षी पार्टियों का कोर वोटर ही अपना पाला बदल लेता है।

वहीं, कार्यक्रम में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओमप्रकाश राजभर कहने लगे कि लोकसभा चुनाव 2019 के समय पर उनकी पार्टी बीजेपी से अलग हो चुकी थी लेकिन चुनाव प्रचार में उनकी तस्वीर का इस्तेमाल उस मंच से किया जाता था जहां प्रधानमंत्री मोदी और सीएम योगी भाषण दे रहे होते थे। राजभर ने कहा, ‘मेरा चेहरा दिखा दिखाकर बीजेपी ने वोट मांगने का काम किया है। ओम प्रकाश राजभर का जलवा ही है कि बीजेपी को मेरा चेहरा दिखाकर वोट लेना पड़ा।’

राजभर कहने लगे कि बीजेपी के अलावा चुनाव में किसी के भी साथ चले जाएंगे। उन्होंने कहा कि लखनऊ में सपा और बसपा का काम तो दिखता है लेकिन बीजेपी का काम नहीं दिखता है।उन्होंने कहा, ‘सीएम योगी खुद बताएं कि किन गांवों में शौचालय बनाने का काम हुआ है।’ राजभर कहने लगे कि बीजेपी में पिछड़े समाज की स्थिति यह है कि डिप्टी सीएम केशवप्रसाद मौर्य लोडर हैं। राजभर ने कहा कि बीजेपी में जातिवाद की स्थिति यह है कि अगड़ी जातियों के नेता सोफे पर बैठते हैं और प्रदेश अध्यक्ष, स्वतंत्र देव सिंह, जो कि पिछड़ी जाति से हैं उनको प्लास्टिक की कुर्सी पर बिठाया जाता है।