पश्चिम बंगाल में बीजेपी 24 जनवरी से चार ‘परित्राण’ (मुश्किलों से उबारना) यात्रा करने निकालने जा रही है। इन यात्राओं के साथ ही बीजेपी पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अपने अभियान की शुरुआत कर देगी। ‘परित्राण’ यात्रा की शुरुआत कूच बिहार, गंगा सागर, मिदनापुर और पुरुलिया से होगी।

पश्चिम बंगाल बीजेपी चीफ के तौर पर हाल ही में कमान संभालने वाले दिलीप घोष ने बताया कि यात्रा में शामिल होने के लिए पार्टी के वरिष्‍ठ नेताओं को भी बुलाया जाएगा। घोष राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ से निकलर बीजेपी में आए हैं। सूत्रों के मुताबिक, उन्‍हें पश्चिम बंगाल में अपने तरीके से काम करने की पूरी छूट दी गई है। ‘परित्राण’ यात्रा में भी आरएसएस के नेता उनकी मदद कर रहे हैं।

घोष ने बताया कि यात्रा के लिए रथ का डिजाइन और स्‍लोगन तैयार करने का काम अभी पूरा नहीं है। लेकिन यात्रा के नाम- ‘परित्राण’ को लेकर सभी खुश हैं। अगर ममता बनर्जी का कैंपेन ‘परिवर्तन’ था तो हमारा ‘परित्राण’ मतलब मावनता का कल्‍याण। हमारी पार्टी जो काम करना चाहती है, उस पर यह नाम बिल्‍कुल सटीक बैठता है। ममत बनर्जी पर निशाना साधते हुए घोष ने कहा कि अगर परिवर्तन ये होता है तो हमें ऐसा बदलाव नहीं चाहिए।

हिंदुत्‍व पर बात करते हुए घोष ने कहा कि यह सिर्फ धर्म जुड़ी बात नहीं है बल्कि जीने का तरीका है। महान बंगाली हिंदू चिंतक- चैतन्‍य महाप्रभु से लेकर राम कृष्‍ण और अरबिंदों तक सभी ने यही बात कही है, जो आज हम कह रहे हैं। हम बंगाल को लंदन या सिंगापुर जैसा नहीं बनाना चाहते हैं। हम इसे शांतिप्रिय और सहिष्‍णु बनाना चाहते हैं।

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