International Yoga Week 2020: सुखासन एक संस्कृत शब्द है जो दो शब्दों से मिलकर बना है सुख और आसन। इस आसन का नियमित अभ्यास करने से शारीरिक और मानसिक रूप से सुख और शांति मिलती है। इसके अलावा इस आसन को करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, जो शरीर को किसी भी प्रकार के इंफेक्शन से बचाने में मदद करता है। सुखासन (Sukhasana) तनाव को कम करने में मदद करता है, साथ ही और भी कई स्वास्थ्य समस्याओं के लिए कारगर होता है। आइए जानते हैं सुखासन करने के लाभ और उसकी विधि-

सुखासन के स्वास्थ्य लाभ-

– इस आसन को नियमित रूप से करने से शरीर में ब्लड<br />सर्कुलेशन बेहतर होता है। ब्लड सर्कुलेशन बेहतर रहने से हृदय से जुड़ी समस्याएं होने का खतरा कम हो जाता है।
– यह आसन तनाव कम करने में मदद कर सकता है।
– सुखासन करने से एकाग्रता बढ़ती है जिससे आप किसी भी काम को ध्यानपूर्वक कर सकते हैं।
– इस आसन को नियमित रूप से करने से आपका गुस्सा कम
होता है और दिमाग को शांति मिलती है।
– यह आसन शरीर के लचीलेपन को बनाएं रखने में मदद करता
है।
– इस आसन को करने से छाती, पैर और हाथों की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है।

सुखासन में सावधानियां:

– जिन लोगों को घुटने में दर्द की समस्या है वह इस आसन का
अभ्यास ना करें।
– रीढ़ की हड्डी के दर्द से परेशान लोग भी इस आसन को करने से बचें।
– इस आसन को हमेशा खाली पेट और शांत जगह पर करना
चाहिए।
– साइटिका के मरीजों को इस आसन को करने से बचना चाहिए।
– इस आसन को करने में पीठ पर अधिक दबाव पड़ता है जिसके कारण दर्द हो सकता है, इसलिए कोशिश करें ज्यादा देर तक इस अवस्था में ना बैठने की।

सुखासन करने का तरीका:

इस आसन को करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पालथी लगाकर बैठ जाएं। इसके बाद दोनों हाथों को ओम की अवस्था में अपने घुटनों पर रख लें। ध्यान रहे इस आसन को करते वक्त आपकी रीढ़ की हड्डी सीधी होनी चाहिए। इसके अलावा आंखें बंद रखें और शरीर को बिल्कुल ढीला छोड़ दें। इस आसन में कम से कम 10 मिनट तक रहें।