डायबिटीज के मरीजों को अपना ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रखना बेहद ही जरूरी होता है। क्योंकि, खून में रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाने से हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक, किडनी फेलियर और मल्टीपल ऑर्गन फेलियर जैसी जानलेवा स्थिति का खतरा भी कहीं हद तक बढ़ जाता है। इसके अलावा आंखों की रोशनी धुंधली होना और गुर्दे खराब होने जैसी बीमारियां भी हो सकती हैं। बता दें कि एक स्वस्थ व्यक्ति का नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल 70-99 mg/dl के बीच होता है।

एक साधारण व्यक्ति और एक डायबिटीज के रोगी का ब्लड शुगर लेवल अलग-अलग होता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो हाई ब्लड शुगर के मरीजों को हर हफ्ते अपना शुगर लेवल जांचना चाहिए। मधुमेह के रोगी का रक्त शर्करा का स्तर कब और कितना होना चाहिए, इसकी सही जानकारी होने से गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है। बता दें, डॉक्टर ब्लड शुगर लेवल के चार्ट में A1C के बारे में बताते हैं, जिसमें व्यक्ति के बीते तीन महीने के रक्त शर्करा के स्तर के बारे में बताया जाता है।

ब्लड शुगर का स्तर: भोजन से पहले यानी फास्टिंग के दौरान एक स्वस्थ व्यक्ति का टार्गेट ब्लड शुगर लेवल 100 mg/dl से कम होना चाहिए। वहीं जो लोग मधुमेह की बीमारी से ग्रसित हैं, उनका स्तर 80-130 mg/dl के बीच होना चाहिए। अगर खाने से दो घंटे पहले यह ब्लड शुगर लेवल बढ़कर 200-400 mg/dl के बीच हो जाए तो यह बेहद ही खतरनाक स्तर माना जाता है। मेडिकल टर्म में इस स्थिति को हाइपरग्लाइसेमिया कहा जाता है।

खाना खाने के 1-2 घंटे बाद स्वस्थ व्यक्ति के रक्त शर्करा का स्तर 140 mg/dl से कम होना चाहिए तो वहीं मधुमेह के रोगी का यह स्तर 180 mg/dl से कम होना चाहिए। बता दें, भोजन के बाद की जांच को अंग्रेजी में पोस्ट प्रैन्डियल ब्लड शुगर टेस्ट कहा जाता है।

बॉडी में ब्लड शुगर लेवल उम्र पर भी निर्भर करता है। 20 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में यह स्तर 100 से कम और 180 mg/dl होता है। फास्टिंग के दौरान रक्त शर्करा का स्तर 100 mg/dl से कम, खाने से तुरंत पहले 70-130 mg/dl के बीच होता है। खाने के 2 घंटे बाद यह स्तर 180 से कम mg/dl के बीच होता है। सोने से पहले ब्लड शुगर लेवल 100-140 mg/dl के बीच होता है।