रानी पक्षालिका सिंह यूपी में आगरा के पास बाह से भाजपा विधायक हैं और भदावर राजपरिवार की रानी हैं। पक्षालिका सिंह का परिवार कभी मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) और अखिलेश यादव (Akhilesh yadav) के साथ था। लेकिन 2017 के यूपी विधानसभा चुनावों के दौरान वह योगी आदित्यनाथ के साथ हो चलीं और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 में वह पहली बार इस सीट से एमएलए चुनी गईं।

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बाह विधानसभा की यह सीट आगरा के पास चंबल के बीहड़ में आता है, इसी कारण पक्षालिका सिंह को बीहड़ की रानी भी कहा जाता है। कहा जाता है कि बाह एक ऐसी सीट है कि चाहे पार्टी कोई भी लड़े लेकिन जीत रानी पक्षालिका सिंह के परिवार की ही होती है। फ़िलहाल पक्षालिका बाह तहसील विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी की विधायक हैं।

सबसे अमीर विधायक: एमएलए पक्षालिका सिंह ने 2017 में चुनाव आयोग को बताया था कि उनके पास करीब 58 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी है। 2017 में एमएलए चुनी गईं पक्षालिका मौजूदा विधानसभा की तीसरी सबसे अमीर विधायक हैं। महिला विधायकों में उनसे ज्यादा संपत्ति किसी के पास नहीं है। अपने चुनावी हलफनामे में रानी पक्षालिका सिंह ने बताया था कि वह करीब 58 करोड़ रुपए की मालकिन हैं। इसमें करीब 4 करोड़ रुपए की चल और 55 करोड़ की अचल संपत्ति है।

सौ से ज्यादा हथियार: बाह से बीजेपी विधायक रानी पक्षालिका सिंह के नाम पर करीब 50 लाख रुपये की कीमत के 22 बोर की एक एनपीबी राइफल, पिस्टल और डीबीबीएल गन है। 2012 विधानसभा चुनाव में दिए हलफनामे के अनुसार, पति-पत्‍नी के पास कुल 132 हथियार हैं। हालांकि, 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्‍होंने हथियारों का खुलासा नहीं किया था। वहीं पक्षालिका सिंह के पति राजा अरिदमन सिंह के नाम पर 12 बोर की एक डीबीबीएल गन, एक पिस्टल, एक कार्बाइन, 34 तलवार, 8 चाकू, 31 खंजर और 53 छूरे हैं।

बाह सीट का इतिहास: जिस बाह सीट से रानी पक्षालिका सिंह विधायक बनी हैं वहीं से उनके पति राजा महेंद्र अरिदमन सिंह 6 बार से विधायक रहे। अरिदमन सिंह समाजवादी पार्टी से एमएलए और मंत्री रह चुके हैं। अब वह भी भाजपा में हैं। अरिदमन सिंह 1989 से 2017 तक लगातार इस सीट से चुनाव जीतते रहे। इसके पहले इनके ससुर राजा महेंद्र रिपुदमन सिंह भी बाह सीट से चार बार विधायक रह चुके हैं।

पक्षालिका सिंह के ससुर कांग्रेस और निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव जीतते रहे। पक्षालिका 2012 विधानसभा का चुनाव समाजवादी पार्टी से खेरागढ़ (आगरा) विधानसभा सीट से लड़ी थीं लेकिन वह जीत नहीं पाई थीं। इसके बाद वह 2017 में पहली बार भाजपा के टिकट पर बाह से एमएलए बनीं।