साल 2012 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को बहुमत मिला था। मुलायम सिंह यादव ने अपने बेटे अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप दी थी। अखिलेश ने अपने कार्यकाल में कई अहम फैसले लिए। लेकिन एक बार उन्हें बीजेपी नेताओं के विरोध-प्रदर्शन का सामना करना पड़ा था। साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से ऐतिहासिक जीत हासिल की थी।
पीएम मोदी के जीतने के बाद बीजेपी नेता वाराणसी को 24 घंटे बिजली देने की मांग कर रहे थे। अपनी मांगों को लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता भूख-हड़ताल पर बैठ गए थे। इससे जुड़ा किस्सा खुद अखिलेश यादव ने एक इंटरव्यू में सुनाया था। इंडिया टीवी के शो में अखिलेश यादव ने बताया था, ‘आज हमारे बीच लालजी टंडन नहीं हैं, वो और एक सबसे बुजुर्ग नेता वाराणसी के श्याम देव चौधरी जी भूख हड़ताल पर बैठ गए थे।’
DM ने दे दी थी चेतावनी: अखिलेश यादव बताते हैं, ‘उनकी मांग थी कि वाराणसी को 24 घंटे बिजली मिलनी चाहिए क्योंकि ये मोदी जी का संसदीय क्षेत्र है। कई दिन भूख हड़ताल पर बैठने के बाद वहां के जिलाधिकारी ने मुझसे कहा कि अगर आपने इन्हें यहां से नहीं हटाया तो हो सकता है, इनकी जान चली जाए। दोनों लोग मुझसे इसके बाद मिलने के लिए आए थे। उन्होंने अपनी मांग मुझे बताई और मैंने कहा कि आज से ही हम 24 घंटे बिजली वाराणसी के लिए कर देंगे। हमने 24 घंटे बिजली दे भी दी।’
अखिलेश यादव ने मानी बात: केंद्र सरकार की लापरवाही गिनाते हुए अखिलेश कहते हैं, ‘हमने उसी समय कहा था कि दिल्ली में बैठी मोदी सरकार यूपी के बिजली का कोटा बढ़ा दे। आज कितना समय बीत गया, आप बताइए कितना कोटा बढ़ा है अभी तक?’ एंकर सौरव शर्मा सवाल करते हैं, ‘आपने नेताओं की जान बचाने के लिए वाराणसी को बिजली दी?’ अखिलेश कहते हैं, ‘हम तो पूरे यूपी को 24 घंटे बिजली देने की कवायद करते हैं, लेकिन केंद्र सरकार पहले इसके लिए तैयार तो हो।’
अखिलेश यादव ने साफ कर दिया है कि 2022 के चुनाव में समाजवादी पार्टी किसी बड़े दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी। अखिलेश ने कहा था, ‘पिछले चुनाव में हुए गठबंधन का लाभ नहीं हो पाया।’ बता दें, 2017 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश और राहुल गांधी ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन इसमें दोनों पार्टियों की करारी हार हुई थी और बीजेपी सरकार बनाने में कामयाब हुई थी।