उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले योगी सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीजेपी को बड़ा झटका दे दिया है। योगी सरकार और भाजपा पर कई बड़े आरोप लगाते हुए मौर्य ने अपना इस्तीफा राज्यपाल को भेज दिया और बीजेपी की सदस्यता को भी छोड़ने का ऐलान कर दिया है। मौर्य ने उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सबको झटका देती रही है लेकिन एक झटका मैं उन्हें दे रहा हूं। शायद इससे भाजपा की आंखें खुल जाएं।

कितनी संपत्ति के मालिक हैं मौर्य? आपको बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य सियासत के मंझे और रसूखदार खिलाड़ी माने जाते हैं। इसकी एक झलक उनके चुनावी हलफमाने से भी मिलती है। साल 2017 में पड़रौना से चुनाव लड़ने वाले मौर्य ने तब अपने एफिडेविट में बताया था कि उनके पास कुल की संपत्ति है। जिसमें से 23,70,203 की चल संपत्ति और 1,16,20,500 की अचल संपत्ति है।

3 हथियारों के हैं मालिक: 2017 के चुनावी हलफनामें के मुताबिक मौर्य के पास तब तीन हथियार थे। जिसमें 65 हजार रुपये कीमत की एक रिवॉल्वर, 60 हजार रुपये मूल्य की एक राइफल और 15 हजार रुपये कीमत की एक बंदूक शामिल थी। मौर्य ने तब बताया था कि वे 2009 मॉडल की एक अंबेसडर कार के भी मालिक हैं। जिसकी कीमत 3 लाख रुपये बताई थी।

हत्या की कोशिश और बलवा के हैं आरोपी: आपको बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य साल 2017 में बसपा छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे। हलफनामे में दी गई जानकारी के मुताबिक उनपर कई केस भी दर्ज हैं। साल 2017 में उन्होंने बताया था कि वह आईपीसी की धारा 147 (उपद्रव करने), 148 (जानलेवा हमला), 149, 307(हत्या करने का प्रयास), 332, 353, 336 तहत दर्ज केस में आरोपी हैं।

मायावती से खटपट के बाद छोड़ी थी पार्टी: स्वामी प्रसाद मौर्य ने 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बसपा सुप्रीमो मायावती पर टिकट बेचने और धन की राजनीति करने का आरोप इस्तीफा दे दिया था और बीजेपी में शामिल हुए थे। फिर बाद में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़कर योगी सरकार के कैबिनेट में मंत्री बने।

तीन दशक से अधिक का है राजनीतिक अनुभव: स्वामी प्रसाद मौर्य 2 जनवरी 1996 को बहुजन समाज पार्टी में शामिल हुए थे। वह कुशीनगर के पड़रौना से तीन बार विधायक और एक बार एमएलसी भी रहे। साल 2017 में चुनाव जीतने के बाद उन्हें योगी सरकार में श्रम मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई थी। अब चुनाव से ऐन पहले उन्होंने मंत्री पद और पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है और बीजेपी के सामने एक बड़ी मुश्किल खड़ी कर दी है।