चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर हाल ही में राहुल गांधी से अपनी मुलाकात को लेकर चर्चा में हैं। दरअसल, उन्होंने दिल्ली में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी से मुलाकात की, जिसके बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि वह कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। बता दें, 2014 में हुए आम चुनावों में पीके ने बीजेपी के लिए काम किया था, जिसमें भारतीय जनता पार्टी ने ऐतिहासिक जीत हासिल करते हुए केंद्र में अपनी सरकार बनाई थी। हालांकि 2015 में वह बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान जेडीयू में शामिल हो गए थे।

बीजेपी से अलग होने के बाद एक इंटरव्यू के दौरान प्रशांत किशोर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कमजोरियों को लेकर जिक्र किया। एक इंटरव्यू के दौरान जब करण थापर ने प्रशांत से पूछा कि आपने पीएम मोदी को करीब से देखा है तो आपको क्या लगता है कि उनकी ताकत क्या हैं? इस पर उन्होंने कहा, “बहुत सारी हैं। आप उनकी ‘ताकत’ को लेकर किताब लिख सकते हैं। अगर मैं एक लाइन में बताऊं तो उनकी सबसे बड़ी ताकत उनका अनूठा अनुभव, जो समकालीन भारत में बेजोड़ है।”

उन्होंने आगे कहा, “15 सालों तक आरएसएस के प्रचारक के तौर पर उन्हें जमीनी स्तर पर लोगों से जुड़ने का मौका मिला। इसके बाद 15 सालों राजनीतिक संजोयक के तौर पर उन्हें राजनीति को समझने का मौका मिला। फिर 15 साल सरकार में सीएम और प्रधानमंत्री के तौर पर उनका अनुभव बिल्कुल अलग रहा। ऐसा अनुभव बेहद ही कम लोगों को मिलता है।”

वहीं जब करण थापर ने प्रशांत किशोर से पीएम नरेंद्र मोदी की कमजोरी के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, “मैं इस बारे में बात करने के लिए बेहद ही छोटा व्यक्ति हूं। मुझसे ये सवाल कई बार किया जाता है लेकिन जब मुझे कुछ बोलना ही पड़ता है तो मैं कहता हूं कि शायद एक व्यक्ति के रूप में, एक नेता के रूप में वह थोड़ा अधिक उदार हो सकते हैं।”

प्रशांत किशोर से जब पत्रकार पूछते हैं कि ‘उदार’ से आपका क्या तात्पर्य है? तो इस पर वह कहते हैं, “अच्छा, क्षमा करने वाला, भूलने वाला और जो भी उदार का मतलब है।”  साथ ही प्रशांत किशोर ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी एक महान श्रोता हैं। जब भी आप उनसे बात करते हैं या फिर उनके साथ काम करते हैं तो आपको लगता है कि वह आपके साथ मौजूद हैं। वह शरीर, दिमाग और आत्मा से पूरी तरह आपके साथ रहते हैं।