Hardik Patel News: गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujrat Assembly Election 2022) के लिए बीजेपी ने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। इस लिस्ट में जिस नाम से सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा वो हैं पाटीदार नेता हार्दिक पटेल (Hardik Patel)। बीजेपी ने हार्दिक पटेल को वीरमगाम (Viramgam) सीट से चुनावी मैदान में उतारा है।
हार्दिक पटेल (Hardik Patel) साल 2015 में पाटीदार आंदोलन से पहले बार चर्चा में आए थे। देखते-देखते राष्ट्रीय स्तर पर उनकी पहचान बन गई है। फिर कांग्रेस में शामिल हुए और पार्टी ने उन्हें गुजरात का कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाया था। बाद में उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर तमाम आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया था और बीजेपी में शामिल हो गए थे।
शिवसेना नेता बाल ठाकरे को मानते हैं अपना आदर्श
हार्दिक पटेल (Hardik Patel), शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे को अपना आदर्श मानते हैं। वह कहते हैं कि मैंने बाल ठाकरे का राजीव शुक्ला के साथ एक इंटरव्यू देखा था, जिसमें वो पूरी साफगोई से अपनी निजी जिंदगी से जुड़े तमाम सवालों का जवाब देते हैं।
सिगरेट, शराब को हाथ नहीं लगाते, प्योर वेज हैं
इसी इंटरव्यू में बाल ठाकरे कहते हैं कि ‘मैं बियर पीता हूं। मुझे ऐसे लोग नापसंद जो करते कुछ हैं और कहते कुछ और हैं’। हार्दिक कहते हैं कि मैं न तो शराब पीता हूं, न ही सिगरेट वगैरह। अगर पीता तो जरूर बताता, इसमें छिपाने जैसा कुछ भी नहीं है। हार्दिक कहते हैं कि मैं शुद्ध शाकाहारी हूं। देशी खाना पसंद है, खासकर सौराष्ट्र का। देशी घी, बाजरे की रोटी वगैरह।
हार्दिक पटेल (Hardik Patel) को क्रिकेट पसंद है। सचिन तेंदुलकर को अपना पसंदीदा खिलाड़ी मानते हैं। उन्हें घुड़सवारी का भी शौक है। वह कहते हैं कि गुजरात में लोगों का स्वागत ही घोड़े पर होता है। बचपन से सब देखा है और वही शौक में बदल गया।
गिने-चुने दोस्त, पत्नी से हर राज करते हैं साझा
हार्दिक पटेल के परिवार में उनकी पत्नी किंजल, मां उषा पटेल और एक बहन हैं। पिता भरत पटेल का निधन हो चुका है। UNFILTERED by Samdish को दिये इंटरव्यू में हार्दिक पटेल कहते हैं कि मेरे गिने चुने दोस्त हैं। कभी दोस्त बनाने का मौका ही नहीं मिला। वह कहते हैं कि मेरी सबसे करीबी दोस्त मेरी पत्नी किंजल ही हैं। मैं उनसे हर राज साझा करता हैं।
खुद चलाते हैं अपना सोशल मीडिया अकाउंट
हार्दिक पटेल (Hardik Patel) कहते हैं कि मैं खुद फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम जैसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स चलाता हूं। टीम भी है, लेकिन कोशिश करता हूं कि खुद ऑपरेट करूं। वह कहते हैं कि पाटीदार आंदोलन में सोशल मीडिया से खासा लाभ मिला था। खासकर वाट्सएप से।
‘समय आएगा तो CM भी बनूंगा‘
हार्दिक पटेल कहते हैं कि फेमस होना किसे नहीं पसंद है। जब उनसे पूछा जाता है कि क्या उनकी इच्छा गुजरात का मुख्यमंत्री बनने की है, तो मुस्कुराते हुए कहते हैं- क्यों नहीं? समय आएगा तो सीएम भी बन जाएंगे, लेकिन इस चुनाव में नहीं। हार्दिक पटेल कहते हैं कि जब राम मंदिर पर फैसला आया तो मैं पहला कांग्रेसी था जिसके परिवार ने मंदिर निर्माण के लिए दान दिया था। इसी तरह अनुच्छेद 370 खत्म हुआ तब भी मैंने उसकी तारीफ की थी।
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वह कहते हैं कि राजनीति अपनी जगह है, व्यक्तिगत विचारधारा और धार्मिक विश्वास अपनी जगह। इस सवाल पर कि बीजेपी में उन्हें कांग्रेस जैसी तवज्जो नहीं मिलेगी, हार्दिक कहते हैं कि मैंने सिर्फ 20 साल की उम्र में इतना बड़ा आंदोलन खड़ा किया किया था। मेरे साथ सिर्फ 3 लोग थे। इसलिये ऐसी बातों की परवाह ही नहीं है।