डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें ब्लड में शुगर का स्तर तेजी से बढ़ने लगता है। खराब डाइट, बिगड़ते लाइफस्टाइल और तनाव की वजह से पनपने वाली इस बीमारी को अगर कंट्रोल नहीं किया जाए तो इस बीमारी के जोखिम बढ़ने लगते हैं। डायबिटीज बढ़ने पर उसके लक्षण बॉडी में दिखने लगते हैं। बहुत अधिक भूख लगना, बार बार प्यास लगना, बार बार पेशाब आना, घाव का देरी से भरना, आंखों से धुंधला दिखाई देना ब्लड में शुगर बढ़ने के संकेत हैं।

डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर बढ़ने का सबसे ज्यादा असर पैरों पर दिखता है। डायबिटीज बढ़ने पर पैरों में ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है जिसकी वजह से शरीर इंफेक्शन से कारगर तरीके से लड़ने में नाकामयाब रहता है और पैरों में गैंगरीन बन जाता है। गैंगरीन जिस हिस्से में होता है उस हिस्से के टिश्यू सड़ जाते हैं और गैंग्रीन हो जाता है।

कई बार स्थिति इतनी गंभीर हो जाती है कि पैर का अंगूठा तक काटने की नौबत आ जाती है। डायबिटीज के मरीज गैंगरीन से बचना चाहते हैं तो ब्लड शुगर को कंट्रोल करें और अपने पैरों की साफ-सफाई का ध्यान रखें। आइए बाबा रामदेव से जानते हैं कि गैंगरीन की परेशानी का इलाज कैसे करें।

पैरों का समय समय पर निरीक्षण है जरूरी:

डायबिटीज के मरीज अपने पैरों का समय-समय पर निरीक्षण करते रहें। पैरों में घाव, कट, पैर की स्किन के रंग में बदलाव, फ़ोड़ा- फ़ुन्सी, सूजन और पैरों में सुन्नपन होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। पैरों की सफ़ाई और नाखूनों की सफाई का ध्यान रखें। डायबिटीज के मरीज मोजे और जूतें का ध्यान रखे। टाइट फिट वाले जूतों से परहेज करें।

विधारा के पत्तों से करें गैंगरीन का उपचार:

आयुर्वेदिक गुरू बाबा रामदेव के मुताबिक गैंगरीन का इलाज एलोपैथी में नहीं है। डायबिटीज के मरीजों को ये परेशानी बहुत ज्यादा होती है जिसकी वजह से अंग तक कटवाना पड़ता है। हाथ-पैर कहीं भी गैंगरीन की परेशानी हो तो आप विधारे के पत्तों से इलाज करें। गैंगरीन का उपचार करने में विधारा के पत्ते बेहद असरदार साबित होते हैं। इन पत्तों को कूटकर उसमें कायाकल्प तेल और हल्दी लगाकर लेप बनाएं। तैयार लेप को घाव पर बांधे आपको हाथ या पैर में होने वाले घाव से निजात मिलेगी। इस लेप को धोने के लिए आप नीम के पानी का उपयोग करें।

इन आयुर्वेदिक गोलियों का करें सेवन:

गैंगरीन को कंट्रोल करने के लिए आप दवाई का भी सेवन कर सकते हैं। खाना खाने से पहले दो-दो गोली आरोग्य वटी और कायाकल्प वटी लें। खाना खाने के बाद कैशोर गुग्गुल लें। आप कायाकल्प क्वाथ का भी प्रयोग कर सकते हैं। गैंगरीन ज्यादा बढ़ने पर 1-2 ग्राम ताल सिंदूर का भी सेवन कर सकते हैं।

प्रणायाम जरूरी करें:

गैंगरीन के रोगों को प्रणायाम जरूर करना चाहिए। प्रणायाम करने से इम्युनिटी स्ट्रॉन्ग होती है और बीमारियों से लड़ने की ताकत मिलती है। डायबिटीज के जो मरीज गैंगरीन से परेशान हैं वो भस्त्रिका, कपालभाती और अनुलोम-विलोम प्रणायाम 15-20 मिनट तक करें। ये प्रणायाम इम्यून सिस्टम को संट्रॉन्ग करेगा और गैंगरीन के रोगियों को राहत देगा।