कोरोना का संक्रमण दुनिया भर में बहुत तेजी से फैल रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, दुनिया भर में कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों की संख्या 54.88 लाख से भी ज्यादा हो गई है। हालांकि इस वायरस से निपटने के लिए वैज्ञानिक वैक्सिन की तलाश कर रहे हैं। बता दें कि इस वायरस के कारण उन मांओं के मन में डर बैठ गया है जो ब्रेस्टफीडिंग कराती हैं। उन्हें ऐसा लगता है कि ब्रेस्टफीडिंग कराने से नवजात शिशु में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि दुनिया में अब तक ब्रेस्ट मिल्क के कारण संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है। आइए जानते हैं इससे जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी-
ब्रेस्टफीडिंग कराना बंद ना करें: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), इंटरनेशनल बेबी फूड एक्शन नेटवर्क (आईबीएफएएन) और यूनाइटेड नेशंस चिल्ड्रंस फंड (यूनिसेफ) ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी कि है जिसमें बताया है कि ब्रेस्ट मिल्क से संक्रमण फैलने का खतरा नहीं है। कोरोना वायरस से संक्रमित मां या जिनमें इसके लक्षण हैं वह भी अपने बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग करा सकती हैं।
ब्रेस्टफीडिंग न कराने से बच्चों को मौत का अधिक खतरा: रिपोर्ट के अनुसार, जिन बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग नहीं कराई जाती, उनकी मौत का खतरा ब्रेस्टफीडिंग करने वाले बच्चों की तुलना में 14 गुना बढ़ जाता है। ऐसे में वायरस के डर से बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग कराना बिल्कुल बंद ना करें, वरना यह उनके स्वास्थ्य के लिए ही हानिकारक साबित हो सकता है और मौत का खतरा भी बढ़ जाता है।
दुनियाभर में ब्रेस्टफीडिंग का महत्व: ब्रेस्टफीडिंग को लेकर आज भी लोगों को बहुत कम जानकारी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में सिर्फ 41 प्रतिशत बच्चों को ही 6 महीने तक ब्रेस्टफीडिंग कराई जाती है। इस आंकड़े को डब्ल्यूएचओ के सभी सदस्यों ने 2025 तक 50 फीसदी करने का लक्ष्य रखा है।
कोरोना के बीच ब्रेस्टफीडिंग कराते वक्त रखें इन बातों का ध्यान:-
– ब्रेस्टफीडिंग कराने से पहले हाथ को अच्छी तरह साबुन या सैनिटाइजर से धो लें।
– बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराने के लिए गोद में लेने से पहले मास्क जरूर पहन लें।
– खांसी या सर्दी होने पर टिशू का इस्तेमाल करें।
– टिशू के इस्तेमाल के बाद उसे डिस्पोज कर दें और हाथ को दोबारा धो लें।

