Tips for Pregnant Women during Coronavirus: देश में कोरोना के मामले 8 लाख से भी अधिक हो चुके हैं। इस बीच दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें कोरोना पॉजिटिव गर्भवती महिला से जन्मी बच्ची भी संक्रमित पायी गई है। बता दें कि डिलिवरी से एक दिन पहले हुई जांच में महिला के रिपोर्ट्स नेगेटिव आए थे। इसके बावजूद भी बच्ची टेस्ट में पॉजिटिव पायी गई। डॉक्टरों का कहना है कि इससे ये साबित होता है कि कोरोना वायरस का संक्रमण गर्भ के जरिये भी फैल सकता है। इससे पहले भी दिल्ली के ही लोकनायक अस्पताल में संक्रमित गर्भवती महिला का शिशु जन्म के कुछ दिनों के बाद संक्रमण का शिकार हो गया था। हालांकि, उस समय अंदाजा लगाया गया था कि वायरस बच्चे में ब्रेस्ट फीडिंग या फिर ड्रॉपलेट्स के जरिये फैला था।

जन्म के तुरंत बाद कराया गया टेस्ट: राम मनोहर लोहिया के डॉक्टरों ने जन्म के तुरंत बाद इस बच्चे का कोविड-19 संबंधी टेस्ट कराया। पॉजिटिव आने के बाद ही डॉक्टर्स इस नतीजे पर पहुंचे कि गर्भ के जरिये भी ये वायरस शिशु में प्रवेश कर सकता है। इस बाबत कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर गर्भवती महिला गंभीर रूप से इंफेक्टेड है तो संभव है कि शिशु में प्लैसेंटा के जरिये ये वायरस फैल सकता है। इसके अलावा, जन्म के बाद भी शिशु में मां के जरिये ये वायरस फैलने की गुंजाइश हो सकती है। वहीं, जन्म से दो हफ्ते पहले या फिर जन्म के दो दिन बाद तक अगर बच्चा किसी संक्रमित के संपर्क में आता है तो भी उसमें इस वायरस के फैलने का खतरा बढ़ जाता है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स: गर्भवती महिला से बच्चे में कोरोना फैलने के खतरे को पूरी तरह खारिज नहीं किया जा सकता। ऐसा इसलिए क्योंकि इटली में भी शोधकर्ताओं को इससे संबंधित जानकारी मिली है। 31 संक्रमित महिलाओं पर किये गए स्टडी से रिसर्चर्स इस नतीजे पर आए कि महिलाओं की प्लैसेंटा, ब्रेस्ट मिल्क और वजाइना में वायरस के नमूने पाए जा सकते हैं। वहीं, प्लैसेंटा और ब्रेस्ट मिल्क में इस वायरस के खिलाफ जरूरी एंटीबॉडी भी पायी गई है। ऐसे में वैज्ञानिक अंदाजा लगा रहे हैं कि मां के जरिये गर्भ में पल रहे शिशु में भी संक्रमण फैल सकता है।

इन बातों का रखें ख्याल: गर्भवती महिलाएं खुद को स्वस्थ रखने के लिए नियमित रूप से अपने हाथों को बार-बार साबुन या सैनिटाइजर से धोते रहें। कोशिश करें कि आंख, मुंह या नाक पर कम से कम हाथ लगाएं। बीमार लोगों से कम से कम 3 फिट की दूरी बनाकर रखें। खांसते या छींकते वक्त टिश्यू या रुमाल का जरूर इस्तेमाल करें। घर पर ही रहें और कम लोगों से मिलें-जुलें। इसके अलावा, गर्भवती महिलाओं को पर्याप्त आराम लेना भी जरूरी है। साथ ही साथ, पूरे दिन में कम से कम 2.5 से 3 लीटर पानी अवश्य पीयें। वहीं शिशु के जन्म के बाद, स्तनपान के दौरान महिलाओं को मास्क पहने रहना चाहिए और बच्चों को छूने से पहले तथा बाद में हाथों को अच्छे से साफ करें।