शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पाचन तंत्र का स्वस्थ रहना बेहद जरूरी है। आपको बता दें कि हम जो कुछ भी खाते-पीते हैं, हमारा पाचन तंत्र ही उसे ठीक ढंग से पचाकर शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्वों में तोड़ता है और इसी से हमारी बॉडी को एनर्जी मिलती है। यानी हमारा पाचन जितना अच्छा होगा, उतना ही हम भोजन से अधिकतम लाभ प्राप्त कर पाएंगे। हालांकि, आज के समय में खराब लाइफस्टाइल और अनहेल्दी खानपान के चलते अधिकतर लोगों को खराब पाचन का सामना करना पड़ता है।

शारीरिक स्थिरता और अनहेल्दी खाना खाने के चलते कम उम्र में ही लोगों को गैस, पेट दर्द, अपच, ब्लोटिंग, कब्ज जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वहीं, वैसे तो इस तरह की समस्या से निजात पाने के लिए बाजार में तमाम तरह के चूर्ण और दवाएं मौजूद हैं। हालांकि, आप चाहें तो नेचुरल तरीके से भी इससे छुटकारा पा सकते हैं। इसी कड़ी में इस लेख में हम आपको कुछ बेहद आसान और असरदार योगासन बता रहे हैं, जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाकर गैस, पेट दर्द, पेट में ऐंठन, कब्ज जैसी परेशानियों से राहत दिलाने में आपकी मदद करेंगे।

वज्रासन

वज्रासन भोजन को तुरंत पचाने और पाचन क्रिया को बेहतर बनाए रखने में कमाल का असर दिखाता है। खाना खाने के बाद महज 10 से 15 मिनट बाद वज्रासन की स्थिति में बैठने से डाइजेशन को बेहतर बनाया जा सकता है। इसके अलावा ये आसन पीठ के निचले हिस्से के दर्द, हाई ब्लड प्रेशर, नींद ना आने की परेशानी आदि से निजात दिलाने में भी आपकी मदद करेगा।

कैसे करें वज्रासन?

  • इसके लिए सबसे पहले किसी समतल भूमि पर मैट बिछा लें।
  • इस मैट पर आपको घुटनों को मोड़कर बैठ जाना है। इस दौरान आपकी पीठ और सिर सीधे होने चाहिए।
  • इसके बाद अपनी हथेलियों को घुटनों पर रख लें।
  • आपको इसी अवस्था में 5 मिनट तक बैठना है और लंबी-लंबी सांस लेनी हैं।

अग्निसार क्रिया

अग्निसार क्रिया प्राणायाम का एक प्रकार है। इसे करने से शरीर के अन्दर अग्नि उत्पन होती है, जो कि शरीर के अन्दर के रोगाणु को भस्म कर देती है। अगर आप कब्ज जैसी परेशानी का सामना कर रहे हैं, तो ऐसे में अग्निसार क्रिया आपके लिए बेहद मददगार उपचार साबित हो सकता है। नियमित तौर पर इस क्रिया को करने से पाचन शक्ति बढ़ाने में मदद मिलती है।

कैसे करें अग्निसार क्रिया?

  • इसके लिए वज्रासन की स्थिति में बैठ जाएं।
  • इसके बाद अपने घुटनों को लगभग दो फीट की दूरी पर बांट लें।
  • अब अपनी हथेलियों को अपने घुटनों पर रखें और एक गहरी श्वास बाहर निकालकर श्वास को बाहर रोक लें।
  • इसके बाद अपने पेट को अंदर की तरफ खींचे और फिर बाहर की ओर ढीला छोड़ें।
  • जब पेट को आगे-पीछे करते हुए मांसपेशियां दुखने लगें और सांस रोकना मुश्किल हो जाए, तब पेट को ढीला छोड़ दें और सांस भरकर आराम से सीधे खड़े हो जाएं।
  • थोड़े विश्राम के बाद इस क्रिया को फिर से दुहराएं।
  • शुरुआत में इसे लगभग 10 बार करें।

पवनमुक्तासन

इन सब के अलावा पवनमुक्तासन भी शरीर से हानिकारक गैस को बाहर निकालकर, पाचन क्रिया को मजबूत करने में आपकी मदद कर सकता है। ये आंतों के कामकाज को बढ़ावा देकर उन्हें अधिक सक्रिय बनाने में मदद करता है।

कैसे करें पवनमुक्तासन?

  • इसे करने के लिए किसी शांत जगह पर योगा मैट बिछाकर सीधा लेट जाएं।
  • अब एक गहरी सांस लेते हुए अपने पैरों को 90 डिग्री तक उठाएं।
  • सांस छोड़ें, अपने पैरों को मोड़ें और अपने घुटनों को अपनी छाती तक लाने की कोशिश करें।
  • अब दोनों हाथों को कोहनी से मोड़ते हुए एक चेन बनाकर घुटनों को पड़क लें।
  • इसके बाद अपना सिर को उठाएं और अपने माथे को अपने घुटनों से टच करें।
  • इस मुद्रा में रहते हुए सामान्य सांसें ले। करीब 2 से 3 मिनट इस स्थिति में रहने के बाद पहले सिर को नीचे लाएं और फिर पैरों को।
  • इस योगासन को 2 से 3 बार करें।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।