पितृ दोष, पूर्वजों की अतृप्त आत्माओं के कारण होता है, जो घर में अशांति, बीमारी, आर्थिक संकट और रिश्तों में तनाव लाता है। इसके लक्षण हैं: घर में कलह, स्वास्थ्य समस्याएं, दरारें, तुलसी का सूखना, दुर्घटनाएं और विवाह में बाधाएं। इससे मुक्ति के लिए दान, क्षमा याचना और रसोई में दीपक जलाना चाहिए, खासकर चतुर्दशी और अमावस्या को। यह पितरों को शांति प्रदान करता है और घर को सकारात्मक बनाता है।