भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने जब 18 अक्टूबर से होने वाले टी20 विश्व कप के लिए भारत की 15 सदस्यीय टीम की घोषणा की, उसके बाद से रविचंद्रन अश्विन की वापसी और शिखर धवन और युजवेंद्र चहल का नहीं चुना जाने को लेकर बहुत चर्चाएं हुईं। साथ ही एमएस धोनी की टीम इंडिया में वापसी भी सुर्खियों में रही। बीसीसीआई ने एमएस धोनी को आईसीसी टी20 विश्व कप के लिए टीम इंडिया का मेंटोर बनाया है।
धोनी ने 15 अगस्त 2020 को अंतरराष्ट्र्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की थी। उन्होंने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच 2019 विश्व कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला था। उसके बाद से धोनी की यह राष्ट्रीय टीम के साथ किसी भी तरह से पहली भागीदारी है। पिछले कुछ दिनों से, प्रशंसक और क्रिकेट की दुनिया इस कदम के पीछे के तर्क को सोच रही है कि धोनी को टीम का मेंटोर क्यों बनाया गया। आखिरकार, अब बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने इसका खुलासा कर दिया है।
द टेलीग्राफ ने गांगुली के हवाले से लिखा, ‘यह सिर्फ विश्व कप में टीम की मदद करने के लिए है। भारत और चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए टी20 फॉर्मेट में उनका अच्छा रिकॉर्ड है। इसके पीछे बहुत कुछ सोचा गया है। हमने बहुत चर्चा की और फिर बोर्ड ने उन्हें लेने का फैसला किया। हमने 2013 से आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीती है।’
ठीक ही तो है। भारत ने आखिरी आईसीसी ट्रॉफी एमएस धोनी की अगुआई में इंग्लैंड में 2013 चैंपियंस ट्रॉफी के रूप में जीती थी। महेंद्र सिंह धोनी तीनों प्रमुख आईसीसी टूर्नामेंट – चैंपियंस ट्रॉफी, टी20 विश्व कप और 50 ओवर के विश्व कप जीतने वाले एकमात्र कप्तान हैं।
सौरव गांगुली ने टीम इंडिया के मेंटोर के तौर पर एमएस धोनी की नियुक्ति की तुलना 2019 विश्व कप के दौरान ऑस्ट्रेलियाई टीम के साथ रहने वाले स्टीव वॉ की समान भूमिका से की। उन्होंने कहा कि धोनी का विशाल क्रिकेट ज्ञान और अनुभव टीम की मदद करने वाला है।
बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा, ‘याद रखें कि ऑस्ट्रेलिया में स्टीव वॉ की इसी तरह की भूमिका थी, जब उन्होंने पिछली बार इंग्लैंड में एशेज 2-2 से ड्रॉ किया था। बड़े-बड़े टूर्नामेंट्स में इस तरह के दिग्गजों की उपस्थिति हमेशा मदद करती है।’