भारतीय क्रिकेट टीम के लिए 20 जून का दिन काफी खास है। इसी दिन 5 भारतीय क्रिकेटरों ने टेस्ट में डेब्यू किया था। उनमें से 4 ने इंडिया की कमान संभाली। इन खिलाड़ियों में भारतीय क्रिकेट को जीतना सिखाने वाले सौरव गांगुली का नाम सबसे आगे है। सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ ने 20 जून 1996 को टेस्ट में डेब्यू किया था।

साल 2011 में इसी तारीख को विराट कोहली, अभिनव मुकुंद और प्रवीण कुमार ने टेस्ट में डेब्यू किया था। सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ और विराट कोहली ने आगे चलकर भारतीय क्रिकेट टीम की कमान संभाली। वहीं अभिनव मुकुंद को इंडिया ए की कप्तानी करने का मौका मिला।

सौरव गांगुली को 1992 के ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए भी टीम इंडिया में शामिल किया गया था, लेकिन तब टेस्ट सीरीज में प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नहीं बन पाए थे। साल 1996 में फिर उनके भाग्य ने साथ दिया। तीन टेस्ट और इतने ही वनडे की सीरीज खेलने टीम इंडिया इंग्लैंड गई। टीम की कमान मोहम्मद अजहरुद्दीन के हाथों में थी। एजबेस्टन में खेला गया पहला टेस्ट मैच भारत हार गया।

20 जून 1996 से लार्ड्स में दूसरा टेस्ट होना था। इंग्लैंड में हल्की सर्दी थी। अजहरुद्दीन ने टॉस जीता और प्लेइंग इलेवन का ऐलान किया। यह अहम टेस्ट था, क्योंकि इसके हारने के साथ ही भारत सीरीज हार जाता, लेकिन अजहर ने सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ पर भरोसा दिखाया। सौरव गांगुली ने उस मैच में गेंद और बल्ले दोनों से कमाल दिखाया।

सौरव ने 3 विकेट लिए और शतक लगाया। सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे राहुल द्रविड़ शतक से तो चूक गए, लेकिन 95 रन बनाकर टीम इंडिया को ड्राइविंग सीट पर पहुंचा दिया था। हालांकि, यह मैच ड्रा रहा था। 15 साल बाद 20 जून को विराट कोहली, अभिनव मुकुंद और प्रवीण कुमार ने किंग्सटन में वेस्टइंडीज के खिलाफ मैच में भारत की टेस्ट कैप पहनी।

विराट और अभिनव अपने डेब्यू मैच में फ्लॉप रहे। हालांकि, प्रवीण कुमार ने मैच में 6 विकेट लेकर टीम इंडिया को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। अभिनव मुकुंद ने पहली पारी में 11 और दूसरी में 25 रन बनाए थे। विराट ने पहली पारी में 4 और दूसरी में 15 रन बनाए थे।

हालांकि, अभिनव मुकुंद टीम इंडिया के लिए ज्यादा नहीं खेल पाए, लेकिन उन्होंने कई वर्षों तक तमिलानडु क्रिकेट टीम की कमान संभाली। यही नहीं, उन्होंने कई मौकों पर इंडिया ए की भी कप्तानी की। अभिनव मुकुंद ने घरेलू क्रिकेट में निरंतर बेहतरीन प्रदर्शन किया। अभिनव मुकुंद ने टीम इंडिया के लिए 14 पारियों में 320 रन बनाए। इसमें दो अर्धशतक शामिल थे। उनका उच्चतम स्कोर 81 रन रहा।

प्रवीण कुमार का डेब्यू तो कमाल का रहा, लेकिन वह भी ज्यादा समय तक टीम इंडिया को अपनी सेवाएं नहीं दे पाए। इसमें चोट भी प्रमुख कारण रहीं। चोट के कारण ही वह चुने जाने के बावजूद 2011 का वर्ल्ड कप खेलने से वंचित रह गए थे। प्रवीण कुमार ने 2011 में ही 6 टेस्ट मैच खेले। इसमें उन्होंने 27 विकेट हासिल किए। उनका प्रदर्शन कतई खराब नहीं था, लेकिन चोट के कारण वह दोबारा टीम में वापसी नहीं कर पाए।