रावलपिंडी एक्सप्रेस के नाम से मशहूर शोएब अख्तर के नाम विश्व क्रिकेट में सबसे तेज गेंद करने का रिकॉर्ड आज भी (161.3 किमी/घंटा) दर्ज है। उन्होंने अपने करियर में काबिलियत के दम पर कई रिकॉर्ड बनाएं और तोड़े भी। उनके लिए शोएब अख्तर से रावलपिंडी एक्सप्रेस बनने का यह सफर काफी संघर्षपूर्ण था। इसकी जानकारी पाकिस्तानी यूट्यूबर समीना पीरज़ादा के शो में दी। अख्तर ने बताया कि वो क्लब के लिए खेला करते थे। एक समय ट्रायल देने जाने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे। वे बस की छत पर चढ़कर पहुंचे थे। साथ ही तांगे में सोकर रात गुजारनी पड़ी थी।

समीना ने उनसे घर से निकलने के बाद लाहौर से कराची तक के सफर के बारे में पूछा। इस पर अख्तर ने कहा, ‘‘हां वो मेरे शुरुआती दिनों की बात है। मैं 17-18 साल का था। क्लब की ओर से खेला करता था। एकदिन हमें ट्रायल देने के लिए लाहौर बुलाया गया। सिलेक्ट होने पर 500 रुपए महीने मिलने थे। मुझे लगा न तो ये लोग आने-जाने की और रहने की जगह दे रहे हैं तो कैसे होगा। इसके बाद भी मैंने जाने का फैसला किया। मैं बस में जाकर बैठ गया। कंडक्टर टिकट मांगने आया। मैंने उसे कहा मुझसे दोस्ती करले में कल का स्टार हूं। इसपर उसने कहा कि तू मुझे कोई ठग लगता है। पैसे न देने पर उसने मुझे बस से उतार दिया। बस धीरे-धीरे चलने लगी और मैं साइड में जाकर फिर पीछे से चढ़
गया। इसके बाद उसने फिर से रास्ते में उतार दिया और मैं फिर वैसे ही चढ़ गया। ऐसे करते हुए मैं लाहौर तक पहुंचा।’’

अख्तर ने आगे बताया, ‘‘वहां पहुंचने पर मेरे पास कुल 115 रुपए थे। 70, 80 रुपए का कमरा नहीं ले सकता था, क्योंकि वापिस भी जाना था और खाना पिने के लिए भी जरूरत थी। मुझे रावलपिंडी के दो और दोस्त मिले। मैंने उनसे कहा कि क्यों चिंता कर रहे हो मैं हूं न, चलो मेरे साथ। फिर हम रेलवे स्टेशन के पास पहुंच गए। वहां एक बड़ा सा सुंदर तांगा खड़ा था। उसके मालिक का नाम अजीज खान था। मैंने उससे कहा कि मेरा नाम शोएब है, फिर वह बोला तो। मैंने कहा मैं पाकिस्तान के लिए खेलूंगा एकदिन। मेरे पास रहने के लिए जगह नहीं है, क्या आज रात इस तांगे में सो सकते हैं। उसने हां बोल दिया।’’

शोएब ने कहा, ‘‘फिर उसने पूछा भूख लगी है? हमने कहा- हां। उसने हमें पराठे और चने खिलाए। फिर अगले दिन सुबह उसने मुझे माल रोड तक छोड़ दिया। उसने मुझसे कहा कि अगर तू पाकिस्तान खेलेगा मिलने आएगा? मैंने कहा- हां जरूर। फिर वहां से मॉडल टाउन ट्रायल ग्राउंड तक दौड़ कर गया। वहां से जहीर अब्बास ने हमें चुना और कराची लेकर गए।’’

शोएब ने आगे कहा, “1999 में टोपी, चश्मा लगा हुलिया बदल में अजीज को मिलने गया। बहुत ढूंढने के बाद रात को 12 बजे वो मिला। मैंने उसे जगाया। वो मुझे पहचान कर हैरान हो गया था। इसके बाद हजारों लोगों की भीड़ वहां जमा हो गई। मैंने उसे कहा कि तू अपनी मदद की रकम मांग सकता है। उसने कहा कि मुझे वही चाहिए जो उस समय दिया था। आज रात को यहीं सो जाओ। फिर मैं पूरी रात वहीं सोया और अगले दिन सुबह अलविदा बोलकर आ गया।’’ शोएब अख्तर ने पाकिस्तान के लिए 46 टेस्ट में 178 विकेट लिए। 163 वनडे में उनके नाम 247 विकेट हैं। अख्तर ने टी20 में 15 मैचों में 19 विकेट झटके थे।