भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के पिछले दो अध्यक्ष पूर्व क्रिकेटर रहे हैं। सौरव गांगुली के बाद रोजर बिन्नी के हाथ में दुनिया की सबसे अमीर बोर्ड की कमान है। भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक सौरव गांगुली अक्टूबर 2019 में 35 वें बीसीसीआई प्रमुख बने थे। वह तीन साल तक पद पर बने रहे। पिछले साल अक्टूबर में भारत के पूर्व ऑलराउंडर और 1983 वर्ल्ड कप चैंपियन टीम के हिस्सा रोजर बिन्नी को बीसीसीआई का 36वां अध्यक्ष चुना गया। अब मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर से सवाल किया गया कि क्या वह बीसीसीआई में अध्यक्ष या किसी रोल में दिखेंगे? इसके जवाब में उन्होंने दादा पर चुटकी ले ली और कहा कि वह 140 की स्पीड से गेंदबाजी नहीं कर सकता।

इंडिया टुडे कॉन्कलेव में शुक्रवार को पहुंचे सचिन तेंदुलकर से सवाल किया गया कि बीसीसीआई के पिछले दो अध्यक्ष क्रिकेटर बने हैं। पहले सौरव गांगुली बने और स्टुअर्ट बिन्नी बने अभी। क्या आप कभी बीसीसीआई में आएंगे? या क्या आपको ऐसे किसी रोल में देखा जा सकेगा? इसका जवाब देते हुए मास्टर ब्लास्टर ने कहा, ” मैंने इतनी ज्यादा फास्ट बॉलिंग नहीं की। सौरव खुद को फास्ट बॉलर मानते थे। मुझे याद है जब सौरव ने टोरंटो में विकेट निकाले थे। तब सौरव ने कहा था मैं थोड़ा और दम लगाउंगा तो 140 तक जा सकता हूं। दादा तू जा सकता है। उसने दो दिन प्रैक्टिस की और पीठ पकड़ी। इसके बाद उसने कभी 140 के बारे में बात नहीं। मैं 140 नहीं डाल सकता हूं।”

टेस्ट क्रिकेट पर क्या बोले सचिन तेंदुलकर

सचिन तेंदुलकर का मानना है कि टेस्ट क्रिकेट के आकर्षण को बनाए रखने के लिए वह कितने दिनों तक चला यह देखने की जगह वह कितना रोमांचक था यह देखा जाना चाहिए। भारत और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हाल ही में चार टेस्ट मैचों की सीरीज के शुरुआती तीन मुकाबले तीन दिन के अंदर खत्म हो गए थे। इससे इन पिचों की काफी आलोचना हुई, लेकिन तेंदुलकर ने कहा कि क्रिकेट का काम हर तरह की परिस्थितियों में खेलना होता है। 

अलग-अलग पिच पर खेलने के लिए बने हैं

सचिन तेंदुलकर ने कहा, “हमें एक बात समझने की जरूरत है कि टेस्ट क्रिकेट आकर्षक होना चाहिए और इस बात पर जोर नहीं होना चाहिए कि यह कितने दिन चलता है। हम (क्रिकेटर) अलग-अलग पिच पर खेलने के लिए बने हैं। पिच चाहे तेज गेंदबाजों की मददगार हो या स्पिनरों के मुताबिक हो हमें हर स्थिति में गेंद का सामना करने आना चाहिए।”