ऑस्ट्रेलिया को दो बार वर्ल्ड कप दिलाने वाले कप्तान रिकी पोंटिंग को 12 साल पुराना ‘मंकीगेट’ कांड याद आया है। 2008 में भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर सिडनी में खेले गए दूसरे टेस्ट के दौरान ये घटना घटी थी। तब हरभजन सिंह पर यह आरोप लगा था कि उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज एंड्रयू साइमंड्स पर नस्लीय टिप्पणी की है। इसके बाद टीम इंडिया हरभजन के साथ खड़ी हो गई और दौरा बीच में रद्द करने का फैसला तक कर लिया था। माहौल ठीक होने के बाद सीरीज पूरी हुई थी। इस घटना की याद अब पोंटिंग को आई है। उन्होंने इसे अपने करियर का सबसे बुरा दौर बताया है।
पोंटिंग ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में इस घटना को याद किया। उन्होने कहा, ‘‘बतौर कप्तान यह मेरे करियर का सबसे बुरा दौर थे। हम उससे पहले 2005 में एशेज सीरीज हारे थे। इस हार के बावजूद सभी चीजों पर मेरा कंट्रोल था। मंकीगेट कांड के समय मैं सभी चीजों को संभाल नहीं पाया। इससे मामला बहुत लंबा चला। एडिलेड टेस्ट मैच के बाद मैं मैदान से सीधे क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के अफसरों से मिलने जाता था।’’
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान ने आगे कहा, ‘‘इस घटना के बाद टीम पूरी तरह दबाव में थी। हम चाहते थे कि पर्थ टेस्ट में भारत को हराकर अपना खोया हुआ आत्मविश्वास हासिल करें। हालांकि, ऐसा हुआ नहीं। हमारी टीम पर्थ में हार गई।’’ भारत ने उस टेस्ट को 72 रन से अपने नाम कर लिया था। इससे पहले मेलबर्न में खेले गए पहले टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई टीम को 337 रन से जीत मिली थी। सिडनी में हुए दूसरे टेस्ट को उसने 122 रन से अपने नाम कर लिया था। एडिलेड में खेला गया चौथा टेस्ट ड्रॉ रहा था।
ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर साइमंड्स के मुताबिक, हरभजन ने उन्हें मंकी कहा था। इस पर मैच रेफरी ने हरभजन को तलब किया। फिर उन पर तीन टेस्ट का बैन लगा दिया गया था। अनिल कुंबले की कप्तानी वाली टीम इंडिया ने इसे नाइंसाफी बताया। टीम दौरा बीच में छोड़कर लौटने पर विचार कर रही थी। बाद में आईसीसी ने बीचबचाव किया और हरभजन के ऊपर से बैन हटा दिया।