कुलदीप यादव टीम इंडिया के स्पिन विभाग के मुख्य गेंदबाज हैं। 2017 के बाद से वे लगातार टीम के साथ हैं। उनकी और युजवेंद्र चहल की जोड़ी ने कई मुकाबलों में टीम को जीत दिलाई है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुलदीप की मां उन्हें क्रिकेटर नहीं बनाना चाहती थी। वो तो अपने बेटे को डॉक्टर, इंजीनियर या पायलट के बनते देखना चाहती थी। कुलदीप के पिता ही उन्हें क्रिकेटर बनाना चाहते थे। इस बात का खुलासा उनकी मां ने क्रिकबज के कार्यक्रम स्पाइसी पिच में किया।

कुलदीप की मां ऊषा यादव ने कहा, ‘‘मेरे मन में था डॉक्टर, पायलट या इंजीनियर बने। ये सोचती थी अच्छा कुछ बने। खेलने का शौक मेरा नहीं इसके पापा का था। धीरे-धीरे अच्छा खेलने लगा तो मेरा भी शौक बढ़ने लगा। इसके पापा कहते थे कि ये एक दिन वर्ल्ड कप खेलेगा। वर्ल्ड कप का बहुत शौक, लेकिन जीत दिलाकर नहीं लाए।’’ पापा ने कहा, ‘‘वर्ल्ड कप खेलना खुशी की बात है। सोचने पर भावुक हो जाता हूं। सब इनकी मेहनत है।’’

कुलदीप के पापा ने कहा, ‘‘जब बेटे की गेंद पर जब बाउंड्री लगती है तो मां टीवी के सामने कहती है- ऐसे नहीं ऐसे गेंद करना चाहिए। वहीं, विकेट मिल गया तो मुझे घर में ही रहने के लिए कहती है। जब खराब प्रदर्शन होता है तो मुझे कमरे में बंद कर देती है। जब सफल होता है तो कहती है कि आज का दिन ही अच्छा है।’’ कुलदीप ने 6 टेस्ट में 24 विकेट लिए हैं। 60 वनडे में उन्होंने 104 और 21 टी20 39 विकेट अपने नाम किए थे। आईपीएल में कुलदीप ने 40 मैच में 39 विकेट झटके हैं।

कुलदीप ने खुलासा किया है कि वे स्पिन गेंदबाजी नहीं करना चाहते थे। उन्होंने कहा कि वे पाकिस्तान के तेज गेंदबाज वसीम अकरम की तरह बनना चाहते थे। कुलदीप के बचपन के कोच कपिल पांडे ने उन्हें चाइनामैन स्पिनर बनने के लिए कहा था। कोच ने कहा, ‘‘कुलदीप जब यहां खेलना शुरू किया तो मैंने पूछा कि क्या बनना चाहते हो तो उसने वसीम अकरम। मैंने कहा वो तो तुम बन नहीं सकते। फिर वो मुझे देखने लगा और बोला कि मैं तो गेंद स्विंग कराता हूं। इसके बाद मैंने कहा कि वो ठीक है लेकिन तुम्हारी बॉडी उतनी मजबूत नहीं है। यह बहुत मुश्किल है।’’